लखनऊ। मध्यप्रदेश, यूपी और झारखंड की सीमा पर स्थित सोनभद्र जिला जल्द ही अपनी वैश्विक पहचान के लिए भी जाना जाएगा। वैसे तो इस जिले में वह विजयगढ़ किला भी है, जिसका जिक्र बाबू देवकी नंदन खत्री के उपन्यास में है, किंतु इस बार ये जिला सलखन स्थित जीवाश्म पार्क के लिए मशहूर होने वाला है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार जिले में स्थित सलखन जीवाश्म पार्क को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की स्थायी सूची में शामिल कराने का प्रयास किया जा रहा है।
* प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इससे बढ़ेगी इसकी वैश्विक स्वीकार्यता
* कैमूर वन्य जीव अभयारण्य के 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है ये अद्भुत जीवाश्म पार्क
* ये विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा जीवाश्म पार्क है, इसी कारण महत्वपूर्ण है
पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित सलखन जीवाश्म पार्क को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की स्थायी सूची में शामिल करने का प्रयास गंभीरता से किया जा रहा है। ये पार्क यूपी के सोनभद्र जिले के सलखन गांव में कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य के पास स्थित है। इस पार्क का क्षेत्रफल लगभग 25 हेक्टेयर है। इसकी एक विशेषता यह भी है कि यह भारत के सबसे बड़े जीवाश्म पार्कों में से एक है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की स्थायी सूची मे शामिल होने से इसकी वैश्विक पहचान और महत्व भी बढे़गा। इससे यहां पर्यटन विकास के साथ तथा पर्यटन के साथ-साथ वैज्ञानिक शोधों को भी बढ़ावा मिलेगा।
एक जानकारी के अनुसार वर्तमान में देश में 43 यूनेस्कों विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 7 प्राकृतिक श्रेणी के हैं। सलखन जीवाश्म पार्क में करीब 1.4 अरब (140 करोड़ वर्ष) पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म संरक्षित हैं। और ये साइनोबैक्टीरिया (नीली हरित शैवाल) द्वारा निर्मित प्राचीन अवसादी संरचनाएं हैं।
अमेरिका के एलो स्टोन नेशनल पार्क के 500 मिलीयन वर्ष पुराने जीवाश्म और कनाडा के मिस्टेकन पाइंट से भी अधिक पुराने सलखन के जीवाश्म हैं। सलखन पार्क पृथ्वी के प्री-कैब्रियन युग के महत्वपूर्ण प्रमाण प्रस्तुत करता है। और यह जीवन के विकास की वैश्विक भू विरासत श्रेणी में आता है। ये पार्क पृथ्वी पर प्रारंभिक जीवन और ऑक्सीजनिक प्रकाश संश्लेषण उत्पत्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
प्रवीण द्विवेदी

