भाग्य साथ दे, इसके पहले दुर्भाग्य ने डेरा डाल दिया

परेशानियां सपा नेता और कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी का पीछा नहीं छोड़ रही हैं। अभी बृहस्पतिवार को ही हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में मिली जमानत के बाद लगा था कि उनका भाग्य प्रबल हो रहा है, पर दुर्भाग्य ने फिर डेरा डाल दिया है। खबर है कि अब प्रवर्तन निदेशालय यानी इडी ने भी उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है।

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लखनऊ। परेशानियां सपा नेता और कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी का पीछा नहीं छोड़ रही हैं। अभी बृहस्पतिवार को ही हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में मिली जमानत के बाद लगा था कि उनका भाग्य प्रबल हो रहा है, पर दुर्भाग्य ने फिर डेरा डाल दिया है। खबर है कि अब प्रवर्तन निदेशालय यानी इडी ने भी उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। उनको अब लखनऊ आफिस बुलाया गया है।

खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय ने इरफान सोलंकी के खिलाफ चल रहे मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इरफान सोलंकी को बांग्लादेशी नागरिक को प्रमाण पत्र देने और वित्तीय मामले में तलब किया गया है। उन्हें इडी के लखनऊ दफ़्तर में पेश होने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार कानपुर के 5 बड़े चेहरे भी इस मामले में इडी के राडार पर हैं। यह मामला मार्च 2024 की एक छापेमारी से जुड़ा है। इस मामले में सोलंकी की करीब 30 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। इडी की इस कार्रवाई से एक बार फिर कानपुर की सियासत में हलचल बढ़ गई है।

* पूर्व सपा विधायक इरफान को हाईकोर्ट से जमानत के बाद अब इडी का मिला सम्मन
* बीते बृहस्पतिवार को ही हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के मामले में मिल गई थी जमानत

इसके पहले पूर्व विधायक सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बृहस्पतिवार को बड़ी राहत मिली थी। सपा नेता आजम खां के बाद इरफान सोलंकी को भी बीते गुरुवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने सोलंकी और उनके भाई रिजवान और इजराइल आटे वाला को भी जमानत वाली राहत दे दी थी। सोलंकी दो साल से जेल में थे। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। उपचुनाव में इरफान की पत्नी यहां से विधायक चुनी गई थीं। वे पिछले 24 महीनों से महाराजगंज जेल में बंद थे। जबकि दो अन्य आरोपी कानपुर जेल में थे।

न्यायमूर्ति समीर जैन ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद गत दो सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
तीनों के खिलाफ जाजमऊ थाने में ये मुकदमा दिसंबर 2022 में दर्ज हुआ था। जमानत के समर्थन में कहा गया था कि सोलंकी के विरुद्ध राजनीतिक रंजिश में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इसके अलावा अन्य सभी मुकदमों में ज़मानत मिल भी चुकी है। कोर्ट ने तथ्यों पर विचार के बाद तीनों की ज़मानत याचिका मंजूर की थी।

अभयानंद शुक्ल