अब यूपी में होगा 1000 अत्याधुनिक बसों का बेड़ा

0
297

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार ने प्रदेश में रोडवेज बसों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने व नई 1000 बसों को बेड़े में जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सीएम योगी के विजन के अनुसार, वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के बेड़े में 1000 अत्याधुनिक बसों को जोड़े जाने के लिए 400 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था।

ऐसे में, हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में बसों के बेड़े के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया को मंजूरी देते हुए अब 400 करोड़ रुपए के सापेक्ष दूसरी किस्त के तौर पर 200 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है। इससे पहले, पहली किस्त के तौर पर 200 करोड़ रुपए का धनवांटन किया जा चुका है। ऐसे में, कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिए अवशेष धनराशि जारी होने के बाद अब अत्याधुनिक बसों की खरीद व फ्लीट में शामिल होने की प्रक्रिया में तेजी आएगी, साथ ही पुरानी बसों के रखरखाव व मरम्मत प्रक्रिया को भी गति मिलेगी।

इन 1000 बसों के क्रय व बेड़े में शामिल की जाने की प्रक्रिया को वित्तीय वर्ष 2023-24 के भीतर पूर्ण करने का टारगेट रखा गया है। इस संबंध में सभी क्रय व सुदृढ़ीकरण प्रक्रिया को परिवहन आयुक्त की देखरेख में उत्तर प्रदेश शासन की रूलबुक के अनुसार पूर्ण किया जाएगा। बसों के कार्बन उत्सर्जन को कम से कम रखने के लिए पर्यावरणीय नियमों/ अधिनियमों व ईआईए अधिसूचना 2006 (संशोधित) के आधीन वांछित पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने, पर्यावरणीय नियमों व न्यायालयों के निर्गत आदेशों के अनुपालन को भी सुनिश्चित किया जाएगा। खास बात यह है कि प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रदेश में लोगों को यूपीएसआरटीसी की बसों में यात्रा करना न केवल पहले की अपेक्षा सुविधापूर्ण व आरामजनक होगा बल्कि उन्हें सुखद यात्रा के नए अनुभव भी प्रदान करेगा।

अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए भी धनराशि : वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए भी कई कार्यों की पूर्ति व व्यय मद के लिए धनावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अनुपूरक बजट के माध्यम से प्रावधानित धनराशि की सापेक्ष 82 लाख रुपए की धनराशि को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति के बाद जारी कर दिया गया है। इस धनराशि का इस्तेमाल स्थानांतरण यात्रा व्यय, गाड़ियों के अनुरक्षण व पेट्रोल खरीद तथा पुनरीक्षित वेतन के अवशेष (राजकीय) के तौर पर किया जाएगा। आवंटित की गई धनराशि को बजट मैनुअल व फाइनेंशियल हैंडबुक के नियमों के अनुसार खर्च किया जाएगा।