क्रिप्टो डेटा स्टोरेज की नेशनल रजिस्ट्री बनाने की वकालत

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क्रिप्टो डेटा स्टोरेज की नेशनल रजिस्ट्री बनाने पर जोर…… जी-20 सम्मेलन के मंच पर क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो परिसंपत्तियों से उत्पन्न भयानक जोखिमों से बचाव के लिए वैश्विक स्तर पर सामान्य ढांचा का निर्माण करने की सहमति बनी। क्रिप्टो विनियमन कानून बनाने से पहले क्रिप्टो संबंधित आंकड़ों का संकलन और भंडारण करने की जरूरत व्यक्त की गई। भारत में क्रिप्टो डेटा की नेशनल रजिस्ट्री की स्थापना की जानी चाहिए।

क्रिप्टो करेंसी के तेज रफ्तार से बढ़ रहे वैश्विक प्रचलन ने पूरी दुनिया के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। क्रिप्टो करेंसियों और इनकी परिसंपत्तियों को भुगतान के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। एक देश से दूसरे देश में यानी क्रास बार्डर भुगतान के विनियमन की व्यवस्था का पूर्ण अभाव है और इसीलिए आतंकी गतिविधियों में क्रिप्टो परसंपत्तियों ने वैश्विक वित्तीय प्रणाली के सामने नए और ऐसे जोखिम उत्पन्न कर दिए हैं जिनसे बचाव करना जरूरी है। कुछ महीनों पहले अमेरिका के कई बैंकों पर आए संकट का एक और महत्वपूर्ण कारण क्रिप्टो थी।

क्रिप्टो करेंसियां जिस ब्लाक चेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं वह टेक्नोलॉजी अपने आप में बहुत ही उपयोगी है। लेकिन इसका आतंकवाद में होने वाला इस्तेमाल उतना ही खतरनाक भी है। अभी तक क्रिप्टो परिसंपत्तियों के बारे में वैधानिक स्तर पर पुख्ता और सटीक आंकड़ें उपलब्ध नहीं है। और ऐसी स्थिति में क्रिप्टो परिसंपत्तियों का पता लगा पाना संभव नहीं हो पाया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों से संबंधित सटीक आंकड़ों के अभाव की समस्या को कई बार उजागर भी किया है।

भारत में बीस करोड़ क्रिप्टो यूज़र हैं लेकिन इनकी क्रिप्टो परिसंपत्तियों के बारे में अधिकृत जानकारी नहीं है। क्रिप्टो आंकड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों के पास हैं, इनमें से अधिकतर भारत में पंजीकृत नहीं हैं और इसी वजह से वे सरकार को जानकारी देने को बाध्य नहीं हैं। जी-20 के मंच पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष- वित्तीय स्थिरता बोर्ड (आईएमएफ- एफएसबी) द्वारा तैयार किए गए मसौदा पत्र में प्रत्येक देश में एंटी मनी लांड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को नियंत्रित करने के लिए फाइनेंशियल टास्क फोर्स के मानकों को लागू करने की जरूरत पर जोर दिया गया।

क्रिप्टो विशेषज्ञ और इंडिया ब्लाकचेन एलायंस (आईबीए ) के संस्थापक राजकपूर ने कहा कि क्रिप्टो कानून बनाने से पहले क्रिप्टो डेटा का संकलन होना चाहिए। श्री कपूर ने सरकार से क्रिप्टो डेटा की नेशनल रजिस्ट्री की स्थापना करने और इसे आधार से लिंक करने की अपील की। यूरोपीय संघ ने क्रिप्टो कानून बनाया है। क्रिप्टो विनियमन के लिए कानून निर्माण करने का बुनियादी ढांचा ही भारत के पास नहीं है। समझा जाता है कि भारत में यूरोपीय संघ द्वारा निर्मित क्रिप्टो कानून का अध्ययन किया जा रहा है ताकि देश में क्रिप्टो कानून की सामयिक और सख्त जरूरत को पूरा किया जा सके।

ब्रिटेन की फाइनेंशियल कनडक्ट अथाॅरिटी कै अनुसार विश्व में तेईस हजार क्रिप्टोकरेंसी और इनका कारोबार करने वाले पांच सौ क्रिप्टो एक्सचेंज हैं। जबकि दुनियाभर में फैले 30 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो यूज़र के पास 82 लाख करोड़ रुपए की क्रिप्टो परिसंपत्तियां हैं।

प्रणतेश बाजपेयी