सावधान ! निवेश सलाहकारों से, मल्टीबैगर के मनीष गोयल पर 60 लाख जुर्माना

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सावधान ! निवेश सलाहकारों से, मल्टीबैगर के मनीष गोयल पर 60 लाख जुर्माना… यूट्यूब हो, सोशल मीडिया हो या कोई टीवी चैनल, किसी पर भी सेबी में पंजीकृत तथा गैरपंजीकृत दोनों ही प्रकार के तथाकथित रिसर्च एनालिस्ट और इन्वेस्टमेंट एडवायज़रों से बहुत ही सजग होकर अपनी गाढ़ी पूंजी को लगाने का निर्णय लीजिएगा अन्यथा फटाफट कमाई तो नहीं कर पाएंगे उल्टे अपनी पूंजी से भी हाथ धो बैठेंगे।

ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है जिसमें दिल्ली स्थित पंजीकृत एनालिस्ट मनीष कुमार गोयल द्वारा अलग-अलग नियमों के उल्लंघन पर बाजार विनियामक सेबी ने 60 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। मनीष कुमार गोयल (आधार नं. AHWPG4252B) सेबी में पंजीकृत (पंजीकरण नं. INH 100004775) मल्टीबैगर सिक्योरिटीज रिसर्च ऐंड एडवायज़री प्रा. लि. नाम की फर्म 2017 से चला रहा है। सेबी ने जांच में कई नियमों का उल्लंघन पाया।

सेबी का कहना है कि मनीष द्वारा किए गए उल्लंघन काफी गंभीर हैं। मनीष कुमार गोयल सेबी अधिनियम की तीन धाराओं के उल्लंघन का दोषी पाया गया। इनके अलावा इसने अपनी रिसर्च रिपोर्टों का रिकॉर्ड भी सेबी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया और यह बताया कि वह इनका डिटेल्स मेंटेन नहीं करता है। मनीष कुमार गोयल अपनी एडवायज़री फर्म का आडिट भी किसी स्वतंत्र आडीटर के बजाय स्वयं से सम्बद्ध कंप्लायंस कर्मी से कराता रहा है। यह भी सेबी के नियम के विरुद्ध है। मनीष सेबी अधिनियम की धारा 15 एच ए के अंतर्गत अपने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने का भी दोषी है।

मनीष को यश पक्का लिमिटेड, स्वस्ति विनायक सिंथेटिक्स लिमिटेड, आंध्र पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड, ज्योति रेज़िंस लिमिटेड और सवेन टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड सहित नौ कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री की सलाह देने के मामले में दोषी पाया गया। इसने खुद भी इनमें से कई शेयरों के सौदे किए। मनीष ने अपनी फीस के नाम पर 583 ग्राहकों से 4 करोड़ 16 लाख रुपए से अधिक धनराशि इकट्ठा की। फर्म के लेखा खातों के अभाव में सेबी ने इसकी आय का आकलन करने में असमर्थता जताई है (यह बात समझ में नहीं आ रही है)। बाजार विनियामक ने सेबी अधिनियम की धारा 15 ई बी के अंतर्गत 40 लाख रुपए, धारा 15 एच ए के अंतर्गत 15 लाख रुपए और 15 ए (सी) के अंतर्गत 5 लाख रुपए मिलाकर कुल 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

प्रणतेश बाजपेयी