जीएसटी ट्रेब्युनल नहीं बना, लंबित विवाद 15 हजार ह़ो गए……. जीएसटी से संबंधित विवादित मामले राॅकेट रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं और अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन भी पूर्व निर्धारित समय पर नहीं हो पाया। जीएसटी कौंसिल ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) की स्थापना संबंधी प्रस्ताव को इस साल फरवरी में स्वीकृति दे दी थी। इधर जीएसटी के विवादित मामलों की संख्या 15 हजार हो गई है जोकि 2021 मार्च में 5499 थी।
पूर्व घोषणा के अनुसार जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की राष्ट्रीय पीठ दिल्ली में अब तक सक्रिय हो जानी चाहिए थी। राज्यों में खंड पीठों का गठन भी अभी तक कागजों पर है। मालूम हुआ है कि विभिन्न राज्यों में खंड पीठों के गठन के लिए वित्तमंत्रालय को अब तक पचास प्रस्ताव मिले हैं। ऐसी स्थिति में इस साल कम से कम नवंबर तक खंडपीठों का गठन हो पाना संभव नहीं लगता।
खंड पीठ के गठन में पश्चिम बंगाल के सभी राज्यों से आगे निकलने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल में पहली अक्टूबर से एक नहीं दो खंड पीठें सक्रिय होने की उम्मीद है।इस लीड का पूरा श्रेय पश्चिम बंगाल के वित्त, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अमित मित्रा को है। मूलतः अर्थशास्त्री से राजनेता बने मित्रा फिक्की के सेक्रेटरी जनरल रहे हैं । पद्मश्री से सम्मानित मित्रा ममता बनर्जी केअत्यत विश्वास पात्र हैं।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में खंड पीठ के गठन के लिए योगी सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है। देश में 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू की गई थी लेकिन जीएसटी कानूनी प्रावधानों में अस्पष्टता होने से से कर संबंधित विवाद बढ़ने लगे। कर विवादों को निपटाने की व्यवस्था भी नहीं थी परिणाम स्वरूप 2020-21 में 5499 विवाद थे जिनकी संख्या बढ़ते -बढ़ते चालू माहअगस्त में पंद्रह हजार के लगभग हो गई। और इनमें कई हजार करोड़ रुपए की कर राशि भी फंसी है।
प्रणतेश बाजपेयी