आयकर के 1.59 लाख पेंडिंग केस वित्त मंत्रालय के गले की हड्डी, 6 लाख करोड़ फंसे

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आयकर के 1.59 लाख पेंडिंग केस वित्त मंत्रालय के गले की हड्डी, 6 लाख करोड़ फंसे…… केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी) विभाग में अधिकारियों की लम्बी फौज होने के बावजूद विवादित मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की समस्या से निजात पाने के खातिर हाथ-पैर मार रहा है। विभाग पर दोतरफा मार पड़ रही है, एक ओर वित्तमंत्री का दबाव और दूसरी विवादित -लंबित मामलों में पांच लाख करोड़ रुपए से अधिक करराशि का फंसाव मंत्रालय के गले की हड्डी बन गया है।

आय करदाता विवादित मामलों के निपटान में होने वाले विलंब से त्रस्त हैं। इन मामलों का शीघ्र निपटारा करने में विभाग अब तक असफल ही रहा है, विवादित-लंबित मामलों का पहाड़ जैसाअबांर लगाने में आयकर अधिकारियों की प्रमुख भूमिका रही है। आयकर के जिम्मेदार सूत्र और आयकर सलाहकारों से मिल फीडबैक के अनुसार अगर विवेकपूर्ण और तर्कसंगत एप्रोच के साथ टैक्स का एसेसमेंट – करारोपण किया जाए तो पचास से साठ प्रतिशत विवाद होंगे ही नहीं। दर असल अधिकतर अधिकारी सकर का सम्यक आकलन नहीं कर पाते हैं और मामले के पैरोकार की सलाह-मशविरा को भी समझने को तैयार नहीं होते हैं, यही सबसे बड़ी वजह होती है कर विवादों के होने में। अधिकांश अधिकारी करदाता के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो कर करनिर्धारण करते हैं।

ताजा जानकारी के अनुसार आयकर के विवादित – लंबित मामलों के निपटान के लिए और नए विवाद खड़े न हों इसके लिए उपाय सुझाने हेतु सरकार समिति का गठन कर रही है। मंत्रालय से जुटाई गई जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स एपीलेट ट्रेब्युनल (आईटीएटी) में लगभग एक लाख विवादित मामले लंबित हैं कमिश्नर्स अपील के अंतर्गत पांच लाख मामले पेंडिंग हैं। पेंडिंग अवधि औसतन चार से छः साल रहती है। आईटीएटी के अलावा तकरीबन 7 हजार विवाद सुप्रीम कोर्ट में और हाईकोर्ट्स में 39 हजार से अधिक विवाद लंबित हैं। इन विवादों में छः लाख करोड़ रुपए की करराशि फंसी हुई है इसकी वसूली होने से वित्तमंत्री-सरकार को बहुत राहत हो जाएगी।

ताजा जानकारी मिली है कि विवादित मामलों के निपटान में तेजी ‌लाने के उद्देश्य से आयकर विभाग कानून और एकाउंटेंसी के ग्रेजुएट्स को अस्थाई तौर पर रखने का निर्णय किया है। यंग प्रोफेशनल स्कीम 2023′ नाम से शुरू की जाने वाली इस योजना के तहत कुल पचास ग्रेजुएट्स का चयन किया जाएगा जिन्हें प्रति माह सिर्फ 40 हजार रुपए की दर से भुगतान किया जाएगा, उन्हें अन्य कोई भी भत्ता, सुविधा नहीं दी जाएगी, यहां तक कि विभाग में कार्यरत रहते समय मृत्यु होने पर किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी जाएगी। साल में सिर्फ 8 दिनों की छुट्टी दी जाएगी। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है इन ग्रेजुएट्स और आयकर विभाग के बीच कर्मचारी- नियोक्ता का संबंध नहीं होगा। पचास में से मुंबई रीजन में 12, दिल्ली में 9, गुजरात में 5, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 4-4, प. बंगाल-सिक्किम में 4 ग्रेजुएट्स को तैनात किया जाएगा।

प्रणतेश बाजपेयी