पिज़्ज़ा का कारोबार पहुंच गया 1500 करोड़…. मार्केटिंग में पश्चिमी देशों का कोई जोड़ नहीं। जो चाह लेते हैं वह कर गुजरते हैं। अजनबी को भी अपने व्यंजनों का ऐसा स्वाद चखाने में माहिर होते हैं कि वह उनका शौकिया गुलाम हो जाता है। देखिए न, पिज़्ज़ा पश्चिमी देशों से चलकर भारत आ पहुंचा। शुरुआत में थोड़ा समय जरूर लगा, आहिस्ता-आहिस्ता भारतीयों, और खासकर यंगस्टर्स को स्वाद लग गया और उनकी दीवानगी के बलबूते पिज़्ज़ा निर्माताओं ने गहरी पैठ बना ली। संगठित क्षेत्र में एक-एक करके दर्जनों ब्रांड के पिज़्ज़ा बाजार में छा गए।
पिज़्ज़ा पहले महानगरों की बाउंड्री में कैद रहा। निर्माता इसे लोकप्रिय बनाने के लिए कमर कस कर भारत के मैदान में उतरे थे, देखते-देखते पिज़्ज़ा महोदय छोटे नगरों से लेकर कस्बाई चहेतों तक को अपने स्वाद का लुत्फ उठाने के लिए हाजिर मिलते हैं। गांवों में पिज़्ज़ा की एंट्री में थोड़ी सी देर है, तभी तो वारे- न्यारे होंगे इनके निर्माताओं के। कस्बाई इलाकों के नजदीकी गांवों में कोल्ड ड्रिंक्स के बाजार का अच्छा खासा विस्तार हुआ है। कोल्ड ड्रिंक्स पिज़्ज़ा की बिक्री में सपोर्टिव रोल अदा करती है। घर डिलीवरी की सुविधा से कारोबार का विस्तार तेजी से हुआ है।
घरेलू बाजार में विदेशी और देशी दोनों प्रकार के ब्रांडेड पिज़्ज़ा हैं। पिज़्ज़ा हट से लेकर डामिनो, केएफसी, नोमैड, तोसिन, फैट लुलु ‘स, पिज़्ज़ा आन माइ प्लेट, इंस्टा पिज़्ज़ा, शिकागो पिज़्ज़ा, पापा जाॅन्स टैको बेल अपने एक्सक्लूसिव साॅस लज़ीज़ स्वाद से ग्राहकों को रिझाने में लगे हैं। पिज़्ज़ा भारतीय यंगस्टर्स की पसंदीदा डिश बन गई है, उन्हें इसे खाने की आदत पड़ गई है। और इस आदत से पिज़्ज़ा के मल्टीनेशनल ब्रांड प्रमोटरों में आने वाले वर्षों में भारतीय बाजार के तेजी से विस्तार होने का विश्वास है।
बता दें कि सबसे पहले डामिनो ने 1995 में भारत में पिज़्ज़ा को लांच किया था। 1997 में प्रवेश करने वाले अमेरिकी ब्रांड पिज़्ज़ा हट के भारतीय उपमहाद्वीप के एमडी मेरिल पेरेयरा कहते हैं इधर दो वर्षों में हमने उसके पहले के बीस वर्षों के बराबर विस्तार किया है। देश में पिज़्ज़ा हट रेस्ट्रां की संख्या 800 से ऊपर हो गई है, 2022 में हमने 47 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है अगले वर्ष तक हमारे 1000 रेस्ट्रां हो जाएंगे। श्री पेरेयरा का कहना है कि भारत में पिज़्ज़ा बिज़नेस के विस्तार की असीमित गुंजाइश है। पिज़्ज़ा हट ने ‘फास्ट कैज़ुअल डेल्को’ (एफसीडी) फार्मेट में रेस्ट्रां शुरू किए हैं जहां पर ग्राहक बेहतरीन औरा में बैठकर स्वाद ले सकता है, आर्डर पैक कराकर ले जा सकता है और चाहे तो अपने तयशुदा ठिकाने पर डिलीवरी भी ले सकता है। बारह नई किस्म के पांच तरह के फ्लेवर वाली साॅस के साथ लांच किए हैं। सिर्फ ७९ रुपए की न्यूनतम रेंज में पिज़्ज़ा हट की बिक्री प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ रही है।
पिज़्ज़ा का एक विश्व रिकॉर्ड भारत से जुड़ा है। दिल्ली में होटल लीला पैलेस में स्थित Qube रेस्ट्रां में 9999 रुपए का पिज़्ज़ा विश्व का सबसे महंगा माना गया। देश में पिछले साल संगठित क्षेत्र के निर्माताओं ने पंद्रह सौ करोड़ रुपए के पिज़्ज़ा की बिक्री की। असंगठित क्षेत्र के निर्माताओं के डिटेल्स उपलब्ध नहीं है लेकिन उनकी बिक्री को शामिल कर लेने पर भारतीय पिज़्ज़ा बाजार का आकार और बड़ा हो जाएगा।
प्रणतेश बाजपेयी