सेबी दागी प्रमोटरों की प्रापर्टी नीलामी से वसूलेगी निवेशकों का धन

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सेबी दागी प्रमोटरों की प्रापर्टी नीलामी से वसूलेगी निवेशकों का धन….. शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) पश्चिम बंगाल के ऐसे उद्यमियों_ प्रमोटरों की कंपनियों की परिसंपत्तियों -प्रापर्टियों को नीलाम करने की तैयारी कर रहा है जिन्होंने लुभावने रिटर्न के जाल में फंसाकर निवेशकों से उन्नीस अरब रुपए एकत्र किए और धनराशियों को इधर-उधर कर दिया, इनमें से कई प्रमोटर पश्चिम बंगाल में हुए चिट फंड घोटाले में शामिल थे और सीबी आई द्वारा गिरफ्तार भी किए गए थे।

बाजार नियामक सेबी नीलामी 28 जून को करने की तैयारी में है। बाजार नियामक प्रापर्टी पोर्टल QUIKR REALTY LIMITED की मदद से आनलाइन नीलामी करेगा, क्विकर 23 साल से इस क्षेत्र में सक्रिय है। इन कंपनियों ने बीते सालों में विभिन्न लूभावनी स्कीमों के जरिए निवेशकों से उन्नीस अरब रुपए से ज्यादा धनराशि एकत्र की थी। इन कंपनियों द्वारा निवेशकों को छलकर एकत्र की गई धनराशियों के बारे में संक्षिप्त ब्यौरा पेश करते हैं।

कोलकाता स्थित एमपीएस ग्रुप के कर्ता-धर्ता प्रमथ नाथ मन्ना और शांतनु चौधरी ने एमपीएस ग्रीनरी डेवलपर्स न विभिन्न स्कीमों के माध्यम से निवेशकों से 1520 करोड़ रुपए एकत्र किए थे। एकत्र करने के बाद कंपनी ने वायदे के अनुसार न तो प्रतिफल दिया और न ही एकत्रित धनराशि लौटाई। सेबी इसकी पांच परिसंपत्तियों की नीलामी करने की तैयारी में है। मन्ना और शांतनु ने अपनी लगभग एक दर्जन कंपनियों के माध्यम से चिटफंड, रिएल एस्टेट, होटल-रेज़ार्ट, आयुर्वेद, कंस्ट्रक्शन और रिटेल सहित कई क्षेत्रों में सक्रिय रहकर निवेशकों को ठगा।

इसी तरह टाॅवर इन्फोटेक ग्रुप की कंपनी की दो परिसंपत्तियों को नीलाम किया जाएगा। इसने वर्ष 2005 से लेकर 2010 के बीच 49 हजार निवेशकों से ४६ करोड़ रुपए की धनराशि एकत्र की थी। कोलकाता स्थित विबग्योर समूह के प्रमोटर शांतनु भट्टाचार्य और राजा भद्रा ने विबग्योर एलाइड इंफ्रास्ट्रक्चर, विबग्योर ओवरसीज़ सहित कई कंपनियां बनाकर आकर्षक रिटर्न का झांसा देकर साल 2009 में 49562 निवेशकों से 61.76 करोड़ रुपए जुटाए थे। प्रमोटर राजा भद्रा को सीबीआई ने बीस करोड़ रुपए के चिटफंड घोटाले में 2018 में गिरफ्तार किया था। सेबी ने इसकी चार परिसंपत्तियों को नीलाम करने का निर्णय किया है।

प्रयाग इन्फोटेक ग्रुप के कर्ता-धर्ता (सीएमडी) बासुदेव बागची और इसके बेटे अविक बागची ने दो दर्जन से अधिक कंपनियां बनाकर 2007से 2012 के दौरान डेढ़ लाख से अधिक लोगों से 131.37 करोड़ रुपए जुटाए थे। सीबीआई ने चिटफंड घोटाले में दोनों को 2017 में गिरफ्तार किया था। इसकी एक परिसंपत्ति नीलाम की जाएगी। मल्टीपरपज़ बीआईओएस ग्रुप ने 2007से 2012 के बीच 1460 निवेशकों से 5.17करोड़ रुपए उठाए थे, इसकी भी एक प्रापर्टी नीलामी की जाएगी।

वारिस फाइनेंस इंटरनेशनल ने 2010-12 में 5.12करोड़ रुपए जुटाने के बाद खामोश हो गई थी, इसकी एक प्रापर्टी नीलाम की जा रही है। कोलकाता के पैलां ग्रुप के संस्थापक -प्रमोटर अपूर्ब साहा पैलां एग्रो इंडिया लिमिटेड और पैलां पार्क डेवलपमेंट अथॉरिटी लिमिटेड ने 2010-15 के बीच 98 करोड़ रुपए एकत्र किए थे, इसकी तीन परिसंपत्तियों की नीलामी की जाएगी। बहुधंधी अपूर्ब साहा ने500करोड़ रुपए का चिटफंड घोटाला का मास्टरमाइंड था, सीबीआई ने साहा को 2019में गिरफ्तार किया था। इन कंपनियों की नीलाम की जाने वाली परिसंपत्तियों में बहुमंजिला बिल्डिंग्स, फ्लैट्स, कामर्शियल स्पेस और प्लाट्स शामिल हैं।

प्रणतेश बाजपेयी