कहां गुम हो गया इंडियन ऑयल का ‘महारत्न’

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कहां गुम हो गया इंडियन ऑयल का ‘महारत्न’ ? देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) का वित्तीय प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा। भले ही सार्वजनिक क्षेत्र की आईओसी के कारोबारी परिणाम अच्छे नहीं आए लेकिन इससे रिफाइनर के अकेले सबसे बड़े या यूं कहें कि सिर्फ़ एक शेयरधारक को 2181 करोड़ रुपए का फायदा जरूर होने वाला है।

बात कर रहे हैं क्रूड ऑयल की रिफाइनिंग और उससे तैयार पेट्रोल_ डीजल सहित अन्य पेट्रोलियम पदार्थों की मार्केटिंग करने वाली सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 2022_23 के वित्तीय परिणाम बीएसई और एनएसई को प्रेषित किए हैं। परिणामों के विश्लेषण से महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं।आईओसी की सकल आय में जितना इज़ाफा हुआ उससे कहीं ज्यादा बढ़ोतरी इसके सकल व्यय में हुई है। सबसे खास दो बातें हैं। इसके ऊपर कर्ज में जबर्दस्त वृद्धि होना और क़र्ज़ में वृद्धि के परिणाम स्वरूप इसपर ब्याज के मद पर भुगतान से मुनाफा प्रभावित हुआ है। रही सही कसर पूरी कर दी विदेशी मुद्रा की भारी हानि ने।

आईओसी को 2022_23 में 6 हजार 930 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाना पड़ा, जोकि 2021_22 में भरे गए 4 हजार 829 करोड़ रुपए की तुलना में 43 प्रतिशत अधिक है। इसे 2022_23 में 7 हजार 162 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा हानि उठानी पड़ी, यह घाटा खर्च के मद में डाला गया है। कंपनी को क्रूड आयात का भुगतान डॉलर में करना पड़ता है, ऐसे में डॉलर के सापेक्ष भारतीय रुपए का अवमूल्यन महंगा पड़ा।

कंपनी ने 2022_23 में ‘अन्य खर्च’ के मद में 49 हजार 831 करोड़ रुपए दिखाए हैं, यह रकम 2021_22 में इसी मद में दर्शाई गई 40 हजार 509 करोड़ रुपए की धनराशि तुलना में 23 प्रतिशत अधिक तो है ही, अहम बिंदु यह है कि इतनी बड़ी धनराशि के बारे में पारदर्शिता का पूरा अभाव है, ऐसे कौन से अन्य खर्च हैं जिनका स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया, यह अनहेल्दी प्रैक्टिस है, इस पर जवाबदेही निर्धारित की जानी चाहिए।

महारत्न की स्थिति का बयान करता है इसका लाभ, लाभ में अप्रत्याशित गिरावट आई है। आईओसी ने 2022_23 में 8 हजार 242 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया, यह धनराशि 2021_22 में हुए 24 हजार 184 करोड़ रुपए से 66 प्रतिशत कम यानी सिर्फ एक तिहाई। बहीखातों की छानबीन में ही एक और बिंदु सामने आया। आईओसी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 2022_23 के लेखा-जोखा पर अपनी मुहर लगाने के साथ ही एक और फैसला जोड़ कर सबसे बड़े और ताकतवर शेयरधारक को लाभांशरूपी चाकलेट परोसकर कृपा बनाए रखने का प्रयास किया। बोर्ड प्रमुख ने 30 प्रतिशत लाभांश का निर्णय लिया है। जो अकेला शेयरधारक है उसके पास आईओसी के 10 रुपए फेस वैल्यू वाले 51.50 प्रतिशत यानी 727 करोड़ 21 लाख 99 हजार 767 शेयर हैं, जोड़ _भाग कर लीजिए इन माननीय शेयरधारक को बतौर लाभांश 2 हजार 181करोड़ की धनराशि मिलेगी। माननीय शेयरधारक कहने को इनकी संख्या एक है परन्तु ये हैं देश के सर्वशक्तिमान राष्ट्रपति महोदय। इन्हीं के नाम ये शेयर हैं हालांकि कर्ता-धर्ता भारत सरकार ही है।

प्रणतेश बाजपेयी