लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व प्रदेशवासियों को डबल उपहार दिया है। उन्होंने परिवहन निगम की 150 नई बसों को हरी झंडी दिखाने से पहले आयोजित कार्यकम में कहा कि आज जैसे हम रक्षाबंधन पर 48 घंटे तक बहन-बेटियों के लिए फ्री में बस सेवा दे रहे हैं, वैसे ही बहुत शीघ्र 60 वर्ष से ऊपर की हर माता-बहन को प्रदेश में फ्री बस सेवा देंगे।
यह बातें उन्होंने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित परिवहन निगम के कार्यक्रम के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि जब यह प्रस्ताव मेरे पास आया तो मैंने कहा कि रक्षाबंधन से अच्छा दिन क्या हो सकता है। हर जिले को दो-दो बसें दीजिए। आज मध्य रात्रि से हम बहन और बेटियों को 48 घंटे तक फ्री में बस सुविधा उपलब्ध कराने जा रहे हैं। तब तक हर जिले में दो-दो बसें पहुंच चुकी होंगी।
उन्होंने परिवहन निगम की ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की आवश्यकता के साथ वैश्विक परिदृष्य में कहां, क्या आवश्यकता है, उसके अनुसार हमें अपने इंस्टीट्यूट को तैयार करना होगा। अपनी वर्कशाप को आईटीआई और पॉलिटेक्निक के साथ जोड़कर अधिक से अधिक अभ्यास कराने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतें हैं। कोरोना जैसी महामारी ने, जिसने दुनिया को पस्त कर दिया, उस दौरान भी हमें मौतों को न्यूनतम रखने में सफलता मिली, लेकिन सड़क दुर्घटना के पीछे क्या कारण हैं, इसे हमने ढूंढने और उसके तह में जाने की आवश्यकता है। अगर हम इसमें सफल हो पाएंगे, तो निश्चित ही कहीं न कहीं इसे कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान तमाम राज्यों से एमओयू किए थे ताकि हमारी बसें बेधड़क दूसरे राज्यों में जा सकें। इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए बेहतरीन प्रयास करने की आवश्यकता है। जो बसें जर्जर हैं, अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं, उन्हें बेड़े से हटाकर फेज वाइज क्रय किए जाने चाहिए, ताकि कंडम हो चुकी बसों को बेड़े से बाहर करके नई बसों को शामिल कर सकें। हमारा प्रयास होना चाहिए कि परिवहन निगम की बसें हों या सड़कों पर चलने वाले कोई भी वाहन हों, ड्राइवर की टेस्टिंग हर साल होनी चाहिए। आनलाइन सुविधा दें, ऐसे सेंटर विकसित करें।
गांवों को जोड़ने के सबसे अच्छे माध्यम हैं बसें: सीएम ने कहा कि आम आदमी जब घर से बाहर निकलता है, तो सबसे पहले उसका वास्ता हमारे बसों और बस अड्डों से पड़ता है और फिर वह उन साधनों का प्रयोग करके अपने गंतव्य तक पहुंचता है। हमें तेजी से बस स्टेशन को हाई क्लास स्टेशन के रूप में बदलना होगा। परिवहन निगम की बसें या अनुबंधित बसें प्रदेश के करीब एक लाख 10 हजार से अधिक राजस्व गांवों को जोड़ने के सबसे अच्छे माध्यम हैं।
एयरपोर्ट की तर्ज पर बस अड्डों को विकसित करें: सीएम योगी ने कहा कि अगर भारत के एयरपोर्ट वर्ल्ड क्लास बन सकते हैं, तो हम अपने बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित क्यों नहीं कर सकते। हर जिले में जितने भी इंटर स्टेट हो या इंटर डिस्ट्रिक्ट बस स्टेशन अच्छे दिखने चाहिए। अच्छी सुविधाओं से संपन्न होने चाहिए। कोई व्यक्ति बस स्टेशन आए, तो उसे बैठने की सुविधा भी मिले, प्रसाधन भी मिले, रेस्टोरेंट भी मिले, अगर उसे कुछ समय के लिए आराम की आवश्यकता पड़ती है, तो वहां ड्रामेट्री, रेस्टोरेंट और होटल की व्यवस्था हो और परिवहन निगम की पार्किंग में ही हो, सड़कों पर न हो।
इनका हुआ लोकार्पण और शिलान्यास :
• जनपद झांसी, बरेली और अलीगढ़ में ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट (डीटीटीआई) का लोकार्पण
• 150 नई बीएस-6 डीजल बसों का लोकार्पण
• ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक (एडीटीटी), बरेली का लोकार्पण
• सारथी हॉल, फिरोजाबाद का लोकार्पण
• अलीगंज बस अड्डा (एटा), गाजीपुर बस अड्डा (गाजीपुर), नौझील बस अड्डा और जयसिंहपुरा-मथुरा बस अड्डा (मथुरा), कांठ बस अड्डा (मुरादाबाद), हैदरगढ़ बस अड्डा (बाराबंकी) और सिग्नेचर ग्रीन सिटी बस अड्डा (कानपुर) का लोकार्पण
• बरेली बस अड्डा (बरेली) और गिलौला बस अड्डा (श्रावस्ती) का शिलान्यास