यदि बादलों संग सैर करना चाहते हैं तो इस Hill Station का Plan जरूर बनाएं कलपा है ही इतना खूबसूरत

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कलपा हिल स्टेशन: प्रकृति का एहसास…… कलपा हिल स्टेशन को स्वर्ग की सैर कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, कलपा हिल स्टेशन की प्राकृतिक सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं। समुद्र तल से करीब 2960 मीटर ऊंचाई पर स्थित कलपा हिल स्टेशन खूशबूदार एवं स्वादिष्ट सेब के बागानों के लिए खास तौर से जाना-पहचाना जाता है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला स्थित कलपा हिल स्टेशन सौन्दर्य शास्त्र की एक अनुपम गाथा है। चौतरफा हिम शिखर की शान दिखती है। वहीं, मखमली घास से आच्छादित हरी-भरी घाटियां-वादियां दिलों को लुभाती हैं। हवा में तैरते बादलों का समूह निश्चय ही रोमांचित कर देता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे धरती पर न होकर आकाश में स्वछंद विचरण कर रहे हों। शीतल हवा के झोंकों संग बादलों का आना जाना सुखद स्पर्श कराता है। कैलाश पर्वत श्रंखला से आच्छादित कलपा हिल स्टेशन एवं उसके आसपास के इलाकों में किन्नौरी एवं बौद्ध धर्म अनुयायियों का प्रवास क्षेत्र है। कलपा के धार्मिक स्थान खास तौर से हिन्दू मंदिर, बौद्ध देवी-देवताओं को समर्पित हैं। कलपा में 100 वर्ष प्राचीन बौद्ध मंदिर भी है। कलपा हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सेब के बागानों, पाइन, अखरोट एवं देवदार के सुन्दर जंगलों की एक लम्बी श्रंखला है। कलपा के सेब उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं। जाहिर सी बात है कि इन सेब का स्वाद भी निराला ही होगा। लाल-लाल सेबों से लदे पेड़ वाले बागान देखने में अति लुभावने एवं सुन्दर प्रतीत होते हैं। मानसून के मौसम में कलपा की सुन्दरता आैर भी अधिक खिल उठती है। कलपा मुख्यता प्राचीन मंदिरों वाला एक पौराणिक एवं ऐतिहासिक शहर है। घुमावदार सड़कें एवं चिलगोजा से आच्छादित वन क्षेत्र कलपा का एक अलग ही अंदाज पेश करते हैं। यूं कहें कि कलपा हिल स्टेशन देश का विलक्षण एरिया है। खास तौर से गर्मियों में भी कई बार बारिश हो जाती है। सर्दियों का आलम ही अलग होता है। सर्दियों में आम तौर पर 5 से 7 फुट तक बर्फ जम जाती है। तापमान भी शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। कैलाश पर्वत की चोटी पर पवित्र शिवलिंग चट्टान है। विशेषज्ञों की मानें तो इस स्थान का दिन में निरन्तर रंग बदलता रहता है। यह काफी कुछ रोमांचक होता है। कलपा हिल स्टेशन एवं उसके आसपास सुन्दर एवं आकर्षक स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से कलपा गांव, कोठी एवं झील-झरने हैं। अंगूर, नासपाती एवं अन्य स्वादिष्ट फल एवं मेवा आदि यहां की खास उपज होती है। कलपा हिल स्टेशन ट्रैकिंग के लिए भी एक बेहतरीन स्थान है। कोठी: कोठी रिकांग से करीब 3 किलोमीटर दूर है। कोठी के निकट ही भगवती चंद्रिका देवी को समर्पित मंदिर है। देवदार के वृक्षों से घिरा यह क्षेत्र अति सुन्दर एवं शोभायमान है। मंदिर का वास्तुशिल्प देखते ही बनता है। देवी चन्द्रिका की भव्य-दिव्य प्रतिमा श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास का केन्द्र है। कलपा गांव: कलपा गांव हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण है। कलपा में सभी आवश्यक सेवायें-सुविधायें उपलब्ध हैं। गांव में कई लघु गेस्ट हाउस एवं होटल भी हैं। कलपा की अपनी लोक संस्कृति की शानदार झलक भी यहां मिलती है। कलपा गांव का मुख्य आकर्षण नारायण-नागिनी मंदिर एवं हू-बु-लैन-कर मठ है। मंदिर का वास्तुशिल्प बेहद लुभावना है। मठ की स्थापना का काल भी अति प्राचीन है। किन्नौर की कला एवं संस्कृति का अद्भुत अवलोकन यहां होता है। गांव में चौतरफा सेब के बागान दिखते हैं। घाटी में बसा यह गांव चौतरफा बर्फ से ढ़की चोटियों की छांव में रहता है। कलपा से प्राकृतिक सुन्दरता की हर शानदार छवि दिखती है। जार्कडन पीक: जार्कडन पीक कलपा की सुन्दरता की शान है। जार्कडन से सूर्योदय एवं सूर्यास्त की सुन्दरता देखते ही बनती है। लालित्यमय सूर्य का बादलों एवं पहाड़ों की ओट में छिपना अति सुन्दर प्रतीत होता है। सूरज पर्वत की चोटी से निकलता है। यह दृश्य अति मनोरम होता है। फोटोग्राफी का यह एक अति सुन्दर एवं बेहतरीन स्थान है। कलपा हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट कुल्लू है। कुल्लू से कलपा की दूरी करीब 225 किलोमीटर है। शिमला एयरपोर्ट के जरिये भी पर्यटक कलपा हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला जंक्शन है। शिमला से कलपा हिल स्टेशन की दूरी करीब 265 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी कलपा हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।