लखनऊ। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर मांग की है कि देश के लिए जान देने वाले शहीदों की जाति गणना कराई जाए। उनके मुताबिक जाति जनगणना से अधिक जरूरी हमारे शहीदों की जाति गणना जरूरी है। ताकि देश को भी सच्चाई पता चल सके और सत्ता लोलुप नेताओं के षड्यंत्रों का खुलासा हो सके।
संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता राघवेन्द्र सिंह राजू ने अपने खुला पत्र में लिखा है कि देश में अराजकता एवं देश विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देने वाले सत्ता के भूखे नेता देश को बर्बादी की ओर ले जाना चाहते हैं। वे सत्ता, सेवा के लिए नहीं बल्कि, मेवा खाने के लिए पाना चाहते हैं। इसीलिए वे जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं।
श्री राजू ने पत्र में लिखा है कि मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि देश की आजादी के पूर्व वर्ष 1857 मे जो स्वतंत्रता संग्राम देश को आजाद कराने के लिए हुआ था, उसमें देश के लिए शहीद होने वाले और अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दिए जाने वाले, सारे शहीदों की सूची तैयार कर उनकी जाति देश की जनता को बताई जाए I इससे यह भी पता चलेगा कि देश को आजादी दिलाने के लिए किन लोगों ने सर्वाधिक जान दी है। इससे देश के लोगों को सही तथ्यों की जानकारी मिल पाएगी।
* अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा खुला पत्र
* संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता राघवेन्द्र सिंह राजू ने लिखा है ये पत्र
* मांग की गई है कि गणना तुरंत कराकर देश को सही तथ्यों की जानकारी दी जाए
* इसकी प्रतिलिपि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह को भेजी गई
पत्र में लिखा गया है कि भारत की आजादी के बाद 1947 में, 1962 में, 1965 में, 1971 में और 1999 में हुए युद्धों में भी शहीद होने वाले और अपना सर्वस्व देश के लिए बलिदान करने वाले शहीदों की भी जाति की गणना कर देश को बताया जाना चाहिए।
उन्होंने लिखा है कि देश की आजादी के बाद से ही कश्मीर में आतंकवादियों के विरुद्ध अपना बलिदान देने वाले शहीदों की भी जाति की गणना कर देशवासियों को बताई जाए ताकि सता के लोभी नेताओं की असलियत भी देशवासियों के सामने आ सके। और जनता को पता चल सके कि लोकतंत्र के नाम पर कुछ लोग सिर्फ मेवा खाने और भ्रष्टाचार करके पैसा कमाने में लगे हैं l इनका जनहित और देशहित से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इनके लिए देश की उन्नति, देश का विकास, बेरोजगारी और मंहगाई मिटाना महत्वपूर्ण नहीं है, उन्हें तो बस ऐश करने के लिए ही सत्ता चाहिए।
इस खुला पत्र की प्रतिलिपि देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह को भी भेजी गई है। इन सभी नेताओं से अपेक्षा की गई है कि शहीदों की जाति गणना तुरंत कराई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके, और देश से प्यार करने वाले लोगों की सही जाति का पता चल सके।
अभयानंद शुक्ल

