गज़ब अजूबे एलआईसी के, पौ बारह सरकार की…. लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एलआईसी) भारतीय वित्तीय बाजार -कार्पोरेट जगत का बहुत बड़ा नाम है। 2022, मई में भीमकाय आईपीओ लाने के बाद आम निवेशकों के सामने इसकी पहली वार्षिक लेखा -जोखा रिपोर्ट (2022-23) आई है। सालाना वित्तीय परिणामों के तह तक जाकर बहीखातों को खंगालना जरूरी है क्योंकि वास्तविक स्थिति तभी उजागर होती है। ध्यान देने की बात है एक साल में कर बाद लाभ में नौ गुना अर्थात 792 प्रतिशत की महावृद्धि, 2021-22 में महज 4043 करोड़ रुपए के मुकाबले 2022-23 में 39397 करोड़ रुपए का कर बाद लाभ। इतना लाभ होने के बुनियादी आधार भी तो होने चाहिए, उन्हें भी आगे समझना जरूरी है।
आधार नंबर 1, सकल प्रीमियम आय में सिर्फ 10.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई, यह 2021-22 में 4.28 लाख करोड़ से 2022-23 में 4.74 लाख करोड़ रुपए हो गई। आधार नंबर 2, निवेश से होने वाली आय 2.92 लाख करोड़ से मात्र 4.60 प्रतिशत बढ़कर 3.06 लाख करोड़ रुपए रही। आधार नंबर 3, कुल कमीशन 23 हजार 691 करोड़ की तुलना में 25 हजार 580 करोड़ रुपए चुकाया गया। आधार नंबर 4, मैनेजमेंट का खर्चा बीस प्रतिशत बढ़ा, यह साल भर में 62 हजार करोड़ रुपए से 11 हजार 663 करोड़ रुपए की लांग जम्प लगाकर 2022-23 में 73 हजार 725 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया।
पिछले सालों का रिकार्ड बताता है एल आई सी के मैनेजमेंट का खर्चा बेलगाम रहा है। 2028-19 में 48 हजार 583 करोड़, 2019-20 में 55 हजार 595 करोड़ और 2020-21 में 57 हजार 259 करोड़ रुपए रहा। आधार नंबर 5, निवेश मूल्यों में जबर्दस्त ह्रास दर्ज़ किया गया, नतीजतन इसके लिए खातों में 2021-22 में 8 हजार 79 करोड़ की तुलना में 2022-23 में 60प्रतिशत अधिक यानी 12 हजार 904 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। आधार नंबर 6, बैड लोन, 2021-22 में 1298करोड़ रुपए के मुकाबले 2022-23 में 1942 करोड़ रुपए के बैड लोन बट्टे खाते में डाल दिए गए। अब तो तस्वीर काफी हदतक स्पष्ट हो गई होगी।
अपने वार्षिक कार्य परिणामों की घोषणा करने के ठीक पहले सरकारी उपक्रम के 832.80 करोड़ रुपए के शेयरों को बेंच देना अटपटा लगने वाला है। एलआईसी द्वारा नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन (एनएचपीसी) के 20.26 करोड़ शेयर बेंचने की सूचना 24मई शाम 5 बजकर 28 मिनट के लगभग दोनों ही स्टाॅक एक्सचेंजों को भेजी गई। एलआईसी ने प्रति शेयर 41 रुपए 10 पैसे के औसत मूल्य पर ये शेयर बेंचे। इनकी बिक्री से एलआईसी की मुट्ठी में 832 करोड़ 80लाख की जो रकम आई उसे 2022-23 के वित्तीय परिणामों में समायोजित करके वार्षिक मुनाफा को बढ़ाकर दर्शाने में इस्तेमाल तो नहीं किया गया?
वित्तीय मोर्चा पर एलआईसी की सालभर की मशक्कत से सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा तो वह है सिर्फ़ एक शेयरधारक प्रमोटर, जिसके पास इसके 96.50 प्रतिशत और संख्या में 610 करोड़ 36 लाख से भी ज्यादा शेयर हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 2022-23 के लिए प्रति शेयर 3 रुपए की दर से लाभांश देने की घोषणा की है, जुलाई में वार्षिक आम सभा (एजीएम) में इस घोषणा को शेयर धारकों की हरी झंडी मिलते ही एकल शेयरधारक _प्रमोटर को 1831.86 करोड़ रु लाभांश की डिजिटल-थैली पहुंचा दी जाएगी। पूरे साल मेहनत-मशक्कत मारा मारी की एलआईसी ने और थैली उनकी झोली में, यह हुई बात, समझ में आई?
प्रणतेश बाजपेयी