इस दिन पूजा करने से मिलती है सुख और समृद्धि

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दर्श अमावस्या 11 अप्रैल को है। इस दिन पूजा करने से सुख और समृद्धि मिलती है। अमावस्या पर चांद पूरी रात दिखाई नहीं देता है। फिर भी 16 कलाओं में से उसकी एक कला मौजूद रहती है। धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि सुख-समृद्धि और परिवार के कल्याण की कामना के लिए ये दिन बहुत खास होता है। इस बार यह दिन 11 अप्रैल, रविवार को है। इस दिन पूर्वजों की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं, चंद्रदेव उनकी प्रार्थना जरूर सुनते हैं। इस दिन चंद्र दर्शन और उपवास करने वाले लोगों पर ईश्वर की असीम कृपा बरसती है।

वाराणसी के विद्वान श्री रामेष्ठ एस्ट्रोलॉजी सेंटर के प्रणेता दैवज्ञ आचार्य विनोद ने बताया कि हिन्दू धर्मग्रंथों में तीन तरह की अमावस्या का वर्णन किया गया है। जब सूर्योदय से शुरू होकर पूरी रात अमावस्या तिथि हो तो उसे “सिनीवाली अमावस्या” कहा गया है। जिस दिन चतुर्दशी के साथ अमावस्या तिथि हो तो उसे “दर्श अमावस्या” कहा गया है। इनके अलावा जब अमावस्या के साथ प्रतिपदा तिथि भी हो तो उसे “कुहू अमावस्या” कहते हैं।

जो लोग दर्श अमावस्या के दिन पूजा करते हैं, उन्हें अपने जीवन में अच्छे भाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में जिन कामों में रुकावटें आ रही होती हैं, वह दूर हो जाती हैं। विद्वानों का मानना है कि भगवान चंद्रदेव की पूजा करने से मन को शीतलता और शांति का अहसास होता है। जिन लोगों के जीवन में संघर्ष अधिक होता है, चंद्रदेव उनका रास्ता आसान बनाते हैं। वहीं जो लोग अपने जीवन में मोक्ष प्राप्त करना चाह‍ते हैं, ऐसे लोग अगर इस दिन उपवास रखकर चंद्रदेव की पूजा करते हैं तो उनकी इच्छा पूरी होती है।