गृहमंत्री अमित शाह करेंगे यूपी स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का शिलान्यास
सरोजनीनगर में 50 एकड़ भूमि पर बनेगा संस्थान
संस्थान में मौजूद होंगी अध्ययन, शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण की सुविधा
लखनऊ। प्रदेश सरकार का आपराधिक मामलों के जल्द निस्तारण के लिए यूपी स्टेट फॅारेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट एक मील का पत्थर साबित होने वाला है। लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर में 50 एकड़ भूमि में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है। इसका शिलान्यास रविवार को गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाला या सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने आप में देश में अनूठा संस्थान होगा।
यूपी स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी सबसे उत्कृष्ट केन्द्र होगा। इससे जटिल अपराधों की जांच में आसानी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से तैयार हो रहा यह इंस्टीट्यूट यूपी पुलिसिंग के विभिन्न नए आयाम स्थापित करेगा। जो अध्ययन, शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण के उत्कृष्ट मापदंड स्थापित करेगा। यह संस्थान एक प्रशिक्षित जनशक्ति का पूल बन कर फारेंसिक विज्ञान, बिहेव्यिल साइंस, सिविल एवं क्राइम लॉ के क्षेत्र में रिसोर्स सेंटर की तरह काम करेगा।
छात्रों को मिलेगा मौका : यूपी स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट सिर्फ जटिल अपराधों की जांच में ही सहयोग नहीं करेगा बल्कि प्रदेश के युवाओं को शिक्षा व रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगा। इस संस्थान में विज्ञान व आईटी वर्ग के छात्र विभिन्न विषयों में कोर्स कर सकेंगे। जहां पर विशेषज्ञों द्वारा उनको फारेंसिक साइंस, डीएनएन आदि के बारे में पढ़ाएंगे। इसके साथ जटिल अपराधों के मामलों की वैज्ञानिक विवेचना के लिए संस्थान व्यावसायिक दक्षता विकसित कर न्यायपालिका, फॉरेंसिक लैब में कार्यरत फारेंसिक वैज्ञानिक और पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने का काम भी करेगा। संस्थान में निदेशक के रूप में एडीजी रैंक व अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
पांच एकड़ पर बनेगा सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर डीएनए : 50 एकड़ में बनने वाले यूपी स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट सबसे खास बात यह है कि यहां पर गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डीएनए की स्थापना की जाएगी। डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाला यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने आप में देश का सबसे अनूठा संस्थान होगा। इसकी स्थापना के बाद उत्तर प्रदेश में डीएनए परीक्षण के क्षेत्र में आधुनिकतम तकनीक एवं अनुसंधान को विकसित करने में सहायता मिलेगी। इसके बनने से यूपी में अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
रेंज स्तर पर बनेगी फॉरेंसिक लैब : प्रदेश सरकार यूपी स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट के साथ प्रदेश भर में रेंज स्तर पर फॉरेंसिक लैब भी तैयार करा ही है। जिसमें फॉरेंसिक उपकरण व डीएनए लैब मौजूद होगी। इसमें लखनऊ, गाजियाबाद, गोरखपुर व आगरा में डीएनए लैब शुरू हो चुकी है। इसके साथ कई जनपदों में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। अपराध के बाद साक्ष्यों को त्वरित एवं सुरक्षित ढंग से एकत्र किए जाने के लिए आधुनिक उपकरणों से लैस 8 मोबाइल फॉरेंसिक वैन भी सभी जोनल मुख्यालय को उपलब्ध कराई जा चुकी है। फॉरेंसिक मोबाइल वैन में रक्त, वीर्य, विस्फोटक, नारकोटिक्स आग्नेयास्त्र माइक्रोकेमिकल आदि के प्रारंभिक परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है।