गंगा को गन्दा करने वालो की अब खैर नहीं

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वाराणसी। सनातनियों के आस्था का केंद्र मोक्षदायिनी माँ गंगा को गन्दा करने वालो की अब खैर नहीं है। वाराणसी नगर निगम गंगा में गंदगी करने वालों पर कड़ाई से आर्थिक दंड लगाएगा। ये आर्थिक जुर्माना एक लाख तक हो सकता है। नगर निगम इसके लिए अभियान चलाएगा और घाटों पर तीसरे नेत्र से भी निगरानी होगी। म्युनिसिपल कारपोरेशन की टीम वाराणसी के घाटों पर लगातार निरीक्षण करेगी और गंदगी करने वालों व नदी में पूजन सामग्री डालने वालों पर नजर रखेगी। समय -समय पर नगर निगम घाटों पर छापेमारी की कार्रवाई करेगा। घाटों और गंगा में गंदगी से दुनिया में काशी की छवि धूमिल होती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी के प्रयासों से गंगा निर्मलीकरण का अभियान तेजी से चल रहा है। एसटीपी के कार्य करने से अधिकांश नाले गंगा में गिरने बंद हो गए है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.एनपी सिंह ने बताया कि गंगा निर्मलीकरण का अभियान काशी में चलाया जा रहा है। गंगा के अविरल व निर्मल बहने के लिए गंगा में गंदगी करने वालों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। वहीं घाटों पर लगे कैमरों से भी गंगा में गंदगी फेकने वालो पर नज़र रखा जा रहा है। उन्होंने बताया गंगा को लेकर नगर निगम गंभीर है और सीवेज बहाने अन्य प्रकार से गंदगी करने पर एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे ही साबुन इस्तेमाल करने, कचरा फेंकने आदि के लिए भी आर्थिक दंड है।

नगर निगम की टीम सुबह, शाम और उपयुक्त समय पर घाटों पर पहुंचेगी और कार्रवाई करेगी। एनपी सिंह ने बताया कि गंगा में पूजा की सामग्री फेंकने से लेकर घरों के निकलने वाले नाले और घाट किनारे बसे होटलों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही गंगा नदी में स्नान के वक्त साबुन लगाने वालों पर भी जुर्माना बढ़ाया गया है। म्युनिसिपल कारपोरेशन स्वच्छता प्रबंधन में सहभागी बनने के लिए आमजन को जागरूक भी कर रहा है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि गंगा किनारे होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट द्वारा सीवेज प्रवाह करने पर एक लाख रुपये, खुले में कूड़ा फेंकने पर 200 रुपये, नाली व सीवर लाइन में गोबर डालने पर 1000 से 10,000 रुपये तक, प्रतिबंधित प्लास्टिक इस्तेमाल पर 1000 से 25000 रुपये, गंगा किनारे घाटों पर खुले में गंदगी करने पर दो हज़ार रुपये, गंगा किनारे भवन स्वामी द्वारा गंगा में नाली व सीवेज प्रवाह पर 25000 रुपये, गंगा घाट पर कपड़े धोने पर पहली बार पांच हज़ार रुपये, दूसरी बार दस हज़ार रुपये, तीसरी बार 25000 रुपये जुर्माना, पूजा सामग्री विसर्जन पर एक हज़ार रुपये तक का नगर निगम जुर्माना लगा सकता है।