Tehri Hill Station नहीं गए हैं तो एक बार जरूर जाएं धरती का स्वर्ग रोमांचक एहसास

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टिहरी हिल स्टेशन की खूबसूरती का कोई जोड़ नहीं। जी हां, उत्तराखण्ड का नव विकसित शहर नई टिहरी बेहद खूबसूरत एवं दर्शनीय है। उत्तराखण्ड को वस्तुत: देव भूमि कहा जाता है। लिहाजा इसके कण-कण में पर्यटक विशिष्ट सौन्दर्य का एहसास करते हैं। नई टिहरी को वस्तुत: नया एवं आधुनिक शहर कहा जा सकता है। समुद्र तल से करीब 1550 मीटर ऊंचाई से लेकर 1950 मीटर ऊंचाई तक रचा-बसा यह सुन्दर शहर उत्तराखण्ड का खास आकर्षण है। टिहरी का मुख्य आकर्षण विशाल टिहरी झील एवं टिहरी बांध है। टिहरी का नामकरण वस्तुत: त्रिहारी शब्द से लिया गया है। यह एक ऐसा स्थान है, जहां विचार, शब्द एवं कर्म का संगम दिखता है। विशेषज्ञों की मानें तो मनसा, वाचा एवं कर्मणा अर्थात इससे उत्पन्न भावार्थ पापों को नष्ट करता है। टिहरी हिल स्टेशन का सौन्दर्य अति दर्शनीय है। आधुनिक शहर नई टिहरी ने यहां के सौन्दर्य में चार चांद लगा दिये। नई टिहरी प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूरित नदियों-झीलों, झरनों एवं पर्वत श्रंखलाओं से आच्छादित है। वस्तुत: टिहरी शहर भागीरथी एवं भिलंगना नदियों का संगम स्थल है। संगम स्थल को वस्तुत: गणेश प्रयाग कहा जाता है। टिहरी वस्तुत: गढ़वाल साम्राज्य की राजधानी थी। इसे टिहरी गढ़वाल के नाम से भी जाना पहचाना जाता था। खास यह कि विश्व के श्रेष्ठ एवं बड़े बांधों में शामिल टिहरी बांध का अपना एक विशेष आकर्षण है। बांध बनाने के साथ ही नई टिहरी का विकास किया गया है। कारण बांध निर्माण के समय मूल टिहरी जलमग्न हो गयी थी। लिहाजा नई टिहरी को अस्तित्व में लाया गया। टिहरी हिल स्टेशन का मुख्य आकर्षण टिहरी झील है। हालांकि इसे सुमन सागर के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। टिहरी झील को वस्तुत: साहसिक पर्यटन के तौर पर जाना पहचाना जाता है। टिहरी झील में जेट स्कीइंग से लेकर हॉट एयर बैलून की सवारी की जा सकती है। हालांकि टिहरी झील में नौकायन से लेकर जलक्रीड़ा का पर्यटक भरपूर आनन्द ले सकते हैं। साहसिक पर्यटन एवं रोमांचक पर्यटन के लिए उत्तराखण्ड का नई टिहरी हिल स्टेशन किसी स्वर्ग से कम नहीं है। साहसिक पर्यटन का उत्तराखण्ड में उदय टिहरी हिल स्टेशन से ही माना जाता है। टिहरी झील पर पर्यटक नौका विहार, जेट स्पीड वोट सवारी, वाटर स्कीइंग, जोर्बिंग, बनाना वोट सवारी, बैंडवेगन वोट सवारी एवं पैराग्लाइडिंग आदि बहुत कुछ पसंद कर सकते हैं। टिहरी झील पर टिहरी साहसिक पर्यटन महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है। इस महोत्सव की वैश्विक ख्याति है। साहसिक खेलों के इस संगमन में हिस्सा लेने आस्ट्रेलिया, स्वीटजरलैण्ड, जर्मनी, इंग्लैण्ड सहित दुनिया भर के पर्यटक शामिल होते हैं। करीब 42 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैली टिहरी झील हमेशा पर्यटकों से गुलजार नजर आती है। विश्वकर्मा पूजा के साथ ही टिहरी झील में नौकायन प्रारम्भ हो जाता है। टिहरी हिल स्टेशन एवं आसपास आकर्षक एवं सुन्दर स्थानों की एक लम्बी श्रंखला है। विशेष आकर्षण में देवी कुंजापुरी मंदिर, चन्द्रबदनी मंदिर, श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, महासर ताल, सहस्त्र ताल, खतलिंग ग्लेशियर आदि बहुत कुछ दर्शनीय है। कहावत है कि जिसने उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य नहीं देखा, उसने कुछ नहींं देखा। खास तौर से पर्यटक टिहरी हिल स्टेशन से पानवाली कांथा, बेलबागी बुग्याल एवं खित पर्वत श्रंखला का प्राकृतिक सौन्दर्य निहार सकते हैं। पानवाली कांथा उत्तराखण्ड का सर्वाधिक लोकप्रिय ट्रैक भी है। टिहरी हिल स्टेशन खास तौर से पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग के लिए स्वर्ग है। टिहरी हिल स्टेशन से पर्यटक नरेन्द्र नगर, गंगा एवं डोकला घाटी का विहंगम दृश्य निहार सकते हैं। खास यह कि टिहरी हिल स्टेशन का प्राकृतिक सौन्दर्य साहित्य में भी उभरा है। टिहरी हिल स्टेशन की यात्रा का सबसे बेहतरीन समय अप्रैल से जून अवधि होती है। मैदानी इलाकों में यह समय भीषण गर्मी का होता है। ऐसे में यहां शांत एवं शीतलता का रोमांचक एहसास किया जा सकता है। टिहरी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। एयरपोर्ट से टिहरी हिल स्टेशन की दूरी करीब 93 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश जंक्शन है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से टिहरी हिल स्टेशन की दूरी करीब 75 किलोमीटर है। पर्यटक टिहरी हिल स्टेशन की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं। टिहरी हिल स्टेशन हरिद्वार, ऋषिकेश एवं देहरादून आदि मुख्य मार्गों से जुड़ा है।