अब यूपी में संस्कृत बोलने, पढ़ने और सीखने के लिए प्रशिक्षण

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– उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान प्रदेश भर में चलाएगा संस्कृत संभाषण प्रशिक्षण केंद्र
– छात्र और आम लोग मिस कॉल एलर्ट से कर सकेंगे संस्कृत सीखने के लिये पंजीकरण
– 20 दिनों का होगा निशुल्क प्रशिक्षण, प्रत्येक दिन 01 घंटे की लगेगी वर्चुअल क्लास
इसी महीने होगी योजना की शुरुआत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली है। वो संस्कृत बोलने, पढ़ने और सीखने के इच्छुक लोगों को संस्कृत संभाषण प्रशिक्षण की सुविधा देने जा रही है। विशेषकर छात्र और अन्य लोग इस सुविधा का लाभ मिस कॉल एलर्ट से पंजीकरण कराकर उठा सकेंगे। यह प्रशिक्षण 20 दिनों तक प्रत्येक दिन 01 घंटे की वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से दिया जाएगा और पूरी तरह से निशुल्क होगा।

उत्तर प्रदेश सरकार लगातार देव भाषा संस्कृत के प्रति लगाव पैदा करने और संस्कृत सीखने के इच्छुक लोगों को मौका देने में जुटी है। सरकार के प्रयास को सार्थक रूप देने में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान बड़ी भूमिका निभा रहा है। उसकी ओर से नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, विद्यार्थी या नौकरी पेशा कोई भी व्यक्ति संस्कृत बोलने, पढ़ने और सीखने का निशुल्क प्रशिक्षण ले सकेंगे। इसके लिये आपको मोबाइल फोन नंबर 9522340003 मिसकॉल देनी होगी। जिसके बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगी और फिर गूगल फार्म भरना होगा। फार्म में व्यवसाय के साथ पढ़ाई और अन्य जानकारियां भरनी होंगी। व्यवसाय के अनुरूप ग्रुपवार इसमें संस्कृत की पढ़ाई कराई जाएगी। इसकी शुरुआत इस महीने के अंत में होगी।

प्रदेश के युवाओं को संस्कृत, संस्कृति और संस्कार से परिपूर्ण बनाने में लगी उत्तर प्रदेश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। इस कड़ी में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के लोगों को मिस कॉल एलर्ट से पंजीकरण की नई सुविधा दी जा रही है। हिन्दी, अंग्रेजी के साथ संस्कृति भाषा के लिये प्रत्येक बच्चे को प्रशिक्षण दिये जाने की भी व्यवस्थाएं प्रदेश सरकार की ओर से जा रही हैं। उप्र संस्कृत संस्थानम के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्कृत पढऩे के इच्छुक छात्रों को संस्कृत के ज्ञान के साथ ही नैतिक संस्कारों के बारे में जानकारी दी जाएगी। हिन्दी और अंग्रेजी के साथ छात्रों को संस्कृत में बोलना भी सिखाया जाएगा।