डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को मिला रोजगार

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प्रदेश सरकार ने कराया थर्ड पार्टी सैंपल सर्वे, चार सालों में 55 लाख इकाइयों को दिया गया लोन, तीन लाख उद्योगों में साढ़े नौ लाख लोगों को मिला रोजगार

शेष इकाइयों में भी सर्वे से पता कराया जा रहा कितने लोगों को निजी क्षेत्रों में मिला रोजगार?

लखनऊ। प्रदेश में पिछले चार सालों में स्थापित उद्योगों में कितने लोगों को रोजगार मिला है?, इसकी पुख्ता जानकारी के लिए सरकार की ओर से कराए गए सैंपल सर्वे में उत्साहवर्धक नतीजे आए हैं। प्रदेश सरकार के समन्वय से बैंकों ने पिछले चार साल में 55 लाख 45 हजार 147 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को लोन दिया है। जिसमें तीन लाख आठ हजार 331 इकाइयों के सैंपल सर्वे में नौ लाख 51 हजार 800 लोगों को रोजगार देने की भौतिक रूप से पुष्टि हुई है। जबकि 55 लाख 45 हजार 147 इकाइयों में औसतन डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

प्रदेश में युवाओं को अधिक से अधिक नौकरी और रोजगार देने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम रंग ला रही है। निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से औसतन करीब दो करोड़ लोगों को रोजगार मिला है, जिन इकाइयों में लोगों को रोजगार मिला है, उनमें वास्तव में लोगों को रोजगार मिला है या नहीं या सिर्फ कागजों में रोजगार दिया गया है। इसकी पुष्टि के लिए सरकार ने इकाइयों का भौतिक रूप से थर्ड पार्टी सत्यापन कराया है।

बैंक शाखाओं से एक-एक ईकाई की सूची लेकर कराया गया सत्यापन: एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि बैंक शाखाओं से सूची लेकर एक-एक ईकाई का थर्ड पार्टी भौतिक सत्यापन कराया गया है। 55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई में से तीन लाख आठ हजार 331 इकाइयों का भौतिक रूप से सत्यापन हुआ है और इन इकाइयों में नौ लाख 51 हजार 800 लोगों को रोजगार देने की भौतिक रूप से पुष्टि हुई है। जबकि अभी 46 लाख 20 हजार 154 एमएसएमई का भौतिक सत्यापन होना शेष है।

निस्संदेह सरकार का प्रयास हो रहा कारगर: वर्ल्ड हिंदू ईकोनामिक फोरम के यूपी और उत्तराखंड संयोजक अजय गुप्ता कहते हैं कि आमतौर पर एक ईकाई में चार से पांच लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। ऐसे में अगर एक ईकाई में औसतन तीन लोगों को ही रोजगार मिला माना जाए, तो एक करोड़ 66 लाख 35 हजार 441 लोगों को रोजगार मिला है। निस्संदेह सरकार का यह प्रयास कारगर साबित हो रहा है।

लखनऊ में पांच लाख 58 हजार 108 लोगों को मिला रोजगार : प्रदेश में पिछले चार साल में सबसे ज्यादा रोजगार लखनऊ में मिला है। लखनऊ में एक लाख 23 हजार 87 उद्योगों में पांच लाख 58 हजार 108 लोगों को रोजगार मिला है। दूसरे नंबर पर गाजियाबाद जिले में 10 हजार 838 उद्योगों में 49 हजार 913, तीसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर में 4922 उद्योगों में 36 हजार 656, चौथे नंबर पर मेरठ में पांच हजार 485 उद्योगों में 31012, पांचवें नंबर पर फिरोजाबाद में 12 हजार 169 उद्योगों में 28,852, छठे नंबर पर गोरखपुर में 1139 उद्योगों में 25,450, सातवें नंबर पर बदायूं में 5229 उद्योगों में 17,940, आठवें नंबर पर हाथरस में 4948 उद्योगों में 15,225, नौवें नंबर पर रायबरेली में 5009 उद्योगों में 13,586 और दसवें नंबर पर सीतापुर में 4882 उद्योगों में 12359 लोगों को रोजगार मिला है।

चार साल में दिए 55 लाख 45 हजार एमएसएमई को लोन : वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 6,35,583 एमएसएमई को लोन दिया गया था। जबकि 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 एमएसएमई को लोन दिया गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10,24,265 उद्यमियों और 2019-20 में 17,45,472 लोन दिए गए हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में एक अप्रैल 2020 से 18 मार्च 2021 तक 13 लाख 52 हजार 255 उद्यमियों को लोन दिए गए हैं। इसमें नौ लाख 13 हजार 292 एमएसएमई को 32 हजार 321 करोड़ 31 लाख रुपए लोन दिए हैं। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) में चार लाख 39 हजार 310 इकाइयों को 12 हजार 69 करोड़ 57 लाख रुपए का लोन दिया गया है। ऐसे में कुल 55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई को लोन दिया गया है।