शास्त्रों के अनुसार गणेश की दृष्टि सबसे ज्यादा शुभ होती है और उनकी पीठ के पीछे निगेटिव किरणें रहती हैं। कुछ लोग अपने घर के दरवाजे पर गणेश की मूर्ति लगाते हैं जो वास्तु के अनुसार गलत है। इससे गणेश भगवान की अच्छी दृष्टि तो सामने वाले घरों में चली जाती है। गणेश की मूर्ति को सबसे बेहतर पूजा स्थान में या ईशान कोण में रखें।
इसी के साथ, गणेश की मूर्ति को लेते समय सूंड किस तरफ है वो भी सोचने वाली बात है और इसे देखना जरूरी है। घर में रखने के लिए बाईं (लेफ्ट) तरफ की सूंड वाले गणपति सबसे बेहतर होते हैं क्योंकि शास्त्रों के हिसाब से उनका रख रखाव आसान होता है। यहीं अगर दाईं ओर (राइट) सूंड वाले गणपति को रखा जाए तो उनकी पूजा और अनुष्ठान अलग तरह से किए जाते हैं। ऐसे गणेश मंदिरों के लिए उपयुक्त होते हैं जैसे सिद्धी विनायक मंदिर के गणेश।
साथ ही ऐसी मूर्ति बेहतर होती है जिसके हाथ में मोदक हो और साथ में चूहा हो। घरों में रखने या गिफ्ट करने के लिए (अगर करनी है तो) बेहतर होते हैं बैठे हुए गणेश. खड़े हुए, सोते हुए, नाचते हुए गणेश की मूर्ति के नियम अलग हैं। अगर कोई फ्रेम पिक्चर देनी है तो पीपल की पत्ती पर गणेश की मूर्ति दी जा सकती है जिसे घर की किसी दीवार पर लगाया जा सके। अगर पूजा घर के लिए गणेश की मूर्ति दी जा रही है तो ध्यान रहे कि वो 18 इंच से कम साइज की हो। अगर गणपति की मूर्ति खंडित हो गई है या उसे सिर्फ सजावट के लिए रखा है तो उसकी पूजा कभी न करें। घर में शांति के लिए घर में सफेद गणेश रखना शुभ होता है।
क्या कृष्ण और राधा, की मूर्ति गिफ्ट करनी चाहिए? : राधा और कृष्ण की मूर्ति गिफ्ट करने के भी कई नियम हैं। कृष्ण और राधा को प्यार का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इनकी मूर्ति क्या गिफ्ट करनी चाहिए? वैसे तो कृष्ण की बांसुरी बजाती हुई या गाय के साथ मूर्ति शुभ मानी जाती है, लेकिन जहां तक राधा और कृष्ण का सवाल है नवदंपत्ति को ये देने से बचना चाहिए। इसका सीधा सा कारण ये है कि राधा और कृष्ण भले ही एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन वो एक साथ कभी नहीं रह पाए खुशी से, इसी तरह से रुकमणी-मीरा-कृष्ण, गणेश और रिद्धी-सिद्धी को भी घर में स्थापित नहीं करना चाहिए या कम से कम नवदंपति को तो नहीं देना चाहिए। इसकी जगह विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति दी जा सकती है, लेकिन सिर्फ तभी जब उसे सही से रखा जाए और लेने वाला उसके नियमों का पालन करे।
क्या नियम है घर में मूर्तियां रखने के : घर और मंदिर में फर्क होता है और जो लोग घर में ही मंदिर बना लेते हैं उनके लिए कई नियम मान्य होते हैं जैसे कहां बनाना चाहिए, घर का कौन सा कोना पवित्र है वगैराह-वगैराह, लेकिन घर में मूर्तियां रखने के भी कुछ नियम होते हैं। शास्त्रों के अनुसार अगर मूर्ति की पूजा नहीं की जा सकती तो उसे घर में रखने की जरूरत नहीं है। ये नियम खास तौर से शिवलिंग पर लागू होता है।
शिवलिंग को लेकर ये भी नियम है कि एक से ज्यादा शिवलिंग घर में नहीं रखने चाहिए। अगर ब्रह्मा-विष्णु-महेश की मूर्ति रखी जा रही है या फोटो है तो उसे बाकी देवताओं से ऊपर स्थान देना चाहिए। एक ही भगवान की तीन मूर्तियां या तस्वीरें एक साथ घर में नहीं रखनी चाहिए ये गलत प्रभाव डालती हैं।