अगर हम ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि युद्ध के मैदान से अलग वीरता का यह उदाहरण हमारे देश वासियों के संकल्प शक्ति को दिखाता है और यह भी बताता है कि अगर हम ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं है। तभी तो मैं कहता हूं, सबका प्रयास। उन्होंने कहा कि जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं, तो बदले में हमें भी प्रकृति संरक्षण और सुरक्षा देती है। इस बात को हम अपने निजी जीवन में भी अनुभव करते हैं।

यह बातें उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में रविवार को कहीं। उन्होंने कहा कि श्रीमति ज्योत्सना ने मुझे चिट्ठी लिखकर बताया है। जालौन में एक पारंपरिक नदी थी, नून नदी। नून यहां के किसानों के लिए पानी का प्रमुख श्रोत हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई, जो थोड़ा बहुत अस्तित्व इस नदी का बचा था, उसमें वह नाले में तब्दील हो रही थी। इससे किसानों के लिए सिंचाई का संकट भी खड़ा हो गया था। जालौन के लोगों ने इस स्थिति को बदलने का बेड़ा उठाया। इसी साल मार्च में एक कमेटी बनाई गई। हजारों ग्रामीण और स्थानीय लोग स्वत: स्फूर्ति भाव से इस अभियान से जुड़े। यहां के पंचायतों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर काम शुरु किया और आज इतने कम समय में, बहुत कम लागत में यह नदी फिर से जीवित हो गई है। कितने ही किसानों को इसका फायदा हो रहा है।

2018 से नदियों के पुनरुद्धार का कार्य करा रही योगी सरकार : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े चार वर्षों में नदियों के संरक्षण की दिशा में बड़े पैमाने पर कार्य किया है। प्रदेश में विलुप्त हो चुकी 68 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित किया गया है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2018-19 से मनरेगा के तहत विभिन्न नदियों के पुनरुद्धार का कार्य कराया जा रहा है। इन्हीं में से एक जालौन में विलुप्त हो चुकी नून नदी के पुनर्जीवित होने की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की।

ये नदियां हुई पुनर्जीवित : वित्तीय वर्ष 2018-19 में छह नदियों अरिल नदी, मंदाकिनी नदी, कर्णावती नदी, वरुणा नदी, मोरवा नदी और गोमती नदी, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 26 जिलों के 19 नदियों टेढी नदी, मनोरमा नदी, पांडु नदी, वरुणा नदी, ससुर खदेड़ी, सई नदी, गोमती नदी, अरिल नदी, मोरवा नदी, मंदाकिनी नदी, तमसा नदी, नाद नदी, कर्णावती नदी, बान नदी, सोत नदी, काली पूर्व नदी, डाढ़ी नदी, ईशन नदी, बूढ़ी गंगा नदी, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 36 जिलों की 25 नदियों टेढ़ी नदी, मनोरमा नदी, पांडु नदी, वरुणा नदी, ससुर खदेड़ी, सई नदी, गोमती नदी, अरिल नदी, मोरवा नदी, मंदाकिनी नदी, तमसा नदी, नाद नदी, कर्णावती नदी, बान नदी, सोत नदी, काली पूर्वी नदी, डाढ़ी नदी, ईशन नदी, बूढ़ी गंगा, कुंवर, कल्याणी, बेलन, सिरसा, किवाड़, ऊटगन को पुनर्जीवित किया गया है।