बच्चों के लिये रक्षा कवच बनेगा पीआईसीयू

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– सीएम योगी बेहद गंभीर, आईसीयू की तर्ज पर छोटे बच्चों तो तत्काल इलाज की सुविधा मुहैया कराने में जुटी सरकार

– सभी बड़े शहरों में 50 से 100 बच्चों के लिये पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने के लिये जारी किये गये निर्देश

– रोकथाम के लिये लगातार विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम से मुख्यमंत्री योगी खुद कर रहे बातचीत

– पीआईसीयू बेड पर तत्काल इलाज और ऑक्सीजन की होगी सुविधा, एक महीने से ऊपर के संक्रमित बच्चों के लिये साइज में छोटे होंगे और साइडों में लगी होगी रेलिंग

लखनऊ। योगी सरकार ने बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये तैयारी और तेज कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ कोरोना के संक्रमण से बच्चों के बचाव के लिये बेहद गंभीर है। आईसीयू की तर्ज पर बच्चों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है। बहुत जल्द ही लखनऊ समेत सभी महानगरों के अस्पतालों में बच्चों की बीमारी से बचाने के लिये सभी संसाधनों से युक्त पीडियाट्रिक बेड ‘रक्षा कवच’ के रूप में काम करना शुरू कर देंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद विशेषज्ञों और डॉक्टरों से बातचीत करने में जुटे हैं। कोरोना की दूसरी वेव से लड़ाई लड़ने के दौरान उन्होंने भविष्य की संभावित आंशका को देखते हुए तत्काल सभी शहरों में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने के निर्देश दिये हैं। यह बेड विशेषकर एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिेय होंगे। इनका साइज छोटा होगा और साइडों में रेलिंग लगी होगी। गंभीर संक्रमित बच्चों को इसी पर इलाज और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

सभी जिले एलर्ट मोड पर, जनहानि रोकना बड़ा लक्ष्य : सरकार ने विशेष रूप से बच्चों को इलाज में कोई कमी न आए इसके लिये सभी जिलों को एलर्ट मोड पर रहने के लिये कहा है। बीमारी से लड़ने के लिये हर संभव तैयारी सभी बड़े शहरों में और गांव तक कर लेने के निर्देश जारी किये हैं। सीएम योगी ने कहा है कि गंभीर स्थिति न आने पाए इसके लिये पूरी तैयार अभी से करनी होगी। सरकार की प्राथमिकता और सबसे बड़ा लक्ष्य हर हाल में जनहानि को रोकना है।

डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों के लिये वरदान साबित होंगे पीडियाट्रिक बेड : लखनऊ में डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तत्काल सभी बड़े शहरों में 50 से 100 पीडियाट्रिक बेड बनाने के निर्णय को बच्चों के इलाज में कारगर बताया है। उन्होंने बताया कि एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिये पीआईसीयू (पेडरिएटिक इनटेन्सिव केयर यूनिट), एक महीने के नीचे के बच्चों के उपचार के लिये एनआईसीयू (नियोनेटल इनटेन्सिव केयर यूनिट) और महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिये एसएनसीयू (ए सिक न्यूबार्न केयर यूनिट) बेड होते हैं। जिनमें बच्चों को तत्काल इलाज देने की सभी सुविधाएं होती हैं।

एक्स सर्विसमैन, रिटायर्ड लोगों की सेवाएं लेगी सरकार : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से प्रदेश के सभी बड़े जनपदों में 50 से 100 के बीच बच्चों के पीडियाट्रिक बेड तैयार करने और यहां मैनपावर बढ़ाने के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़े तो इसके लिए एक्स सर्विसमैन, रिटायर्ड लोगों की सेवाएं ली जाएं। मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को ट्रेनिंग देकर उनसे फोन की सेवाएं ले सकते हैं।