गंगटोक हिल स्टेशन: बादलों का स्पर्श

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सिक्किम का ‘गंगटोक हिल स्टेशन” वैश्विक हिल स्टेशन में अपना एक खास स्थान रखता है। मनोरम एवं आकर्षक घाटियों, सुन्दर वादियों एवं राजसी मठों के बीच रचा-बसा ‘गंगटोक हिल स्टेशन” शांत, मैत्रीपूर्ण एवं रोमांचक हिल स्टेशन के तौर पर जाना जाता है। खास यह कि प्रकृति की गोद एहसास कराने वाले ‘गंगटोक हिल स्टेशन” में सर्वाधिक पर्यटक दुनिया के विभिन्न अंचलों से आते हैं। पर्यटक एहसास करते हैं कि बादलों संग खेल-खिलौना सा खिलंदड हो रहा हो। मखमली घास या फूलों से सजी या लदी वादियां मन-तन एवं मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर देती हैं।

गंगटोक भारत के उत्तरी पूर्वी राज्य सिक्किम की राजधानी है। गंगटोक शहर भी ‘गंगटोक हिल स्टेशन” की तरह बेहद खूबसूरत है। शहर रानीपूल नदी के पश्चिम दिशा में बसा है। खास यह कि कंचनजंगा शिखर की पर्वत श्रंखला यहां से साफ अवलोकित होती हैं। शिखर की सुन्दर श्रंखला बेहद अद्भुत प्रतीत होती है। कंचनजंगा शिखर का अवलोकन ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे पर्वत शिखर आकाश से सजा हो। गंगटोक के प्राचीन मंदिर-प्राचीन मठ, प्राचीन महल, मखमली घास एवं फूलों के बाग-बगीचे स्वप्निल दुनिया की सैर कराते हैं। ट्रैकिंग के लिए भी यह हिल स्टेशन पसंदीदा माना जाता है। पर्वतीय क्षेत्र का सैर-सपाटा एक ताजगी देता है।

‘गंगटोक हिल स्टेशन” के खूबसूरत एवं पसंदीदा स्थलों में फूलों का बगीचा, बंजारी पहाड़ियां, ताशी ब्लू प्वाइंट, सोंगमों झील, रुमेक मठ, गणेश टोक, हनुमान टोक आदि इत्यादि हैं। गंगटोक शहर घूमने का आनन्द लेना है तो पैदल घूमना चाहिए। लाल बाजार एवं नया बाजार अवश्य घूमना चाहिए। इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलोजी में बौद्ध धर्म की जानकारी समृद्धता देगी। यहां बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाले धर्मग्रंथ एवं प्राचीन अवशेष उपलब्ध हैं। इंस्टीट्यूट में बौद्ध धर्म, तिब्बती भाषा, संस्कृति दर्शन, साहित्य की शिक्षा दी जाती है। ‘गंगटोक हिल स्टेशन” की यात्रा एक सुखद एहसास कराती है। जोश, उत्साह एवं उर्जावान महसूस करने के लिए ‘गंगटोक हिल स्टेशन” की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

सोमगो झील: सोमगो झील गंगटोक से करीब चालीस किलोमीटर दूर है। इस झील के चौतरफा बर्फीली पहाड़ियां हैं। झील करीब एक किलोमीटर लम्बी-चौड़ी है। खास यह कि अप्रैल के माह में भी झील का पानी बर्फ सा महसूस होता है। सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के कारणों को ध्यान में रख कर झील का भ्रमण एक घंटा से अधिक नहीं होना चाहिए। सर्दियों में इस सुन्दर झील में विदेशी पक्षियों का बहुत बड़ा समूह प्रवास के लिए आता है।

आरिटार झील: आरिटार झील सिक्किम के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। गंगटोक से करीब 70 किलोमीटर दूर यह एक अति सुन्दर झील है। झील खूबसूरत पहाड़ियों से आच्छादित है। झील करीब एक किलोमीटर लम्बी एवं पचास फुट से भी अधिक गहरी है। झील के आसपास अनेक दर्शनीय स्थल हैं।

रुमटेक मठ: रुमटेक मठ की यात्रा बिना गंगटोक अर्थात ‘गंगटोक हिल स्टेशन” का आनन्द आधा-अधूरा ही होगा। ‘गंगटोक हिल स्टेशन” से यह मठ करीब 24 किलोमीटर दूर है। करीब तीन सौ वर्ष पुराना यह मठ विशाल साधना केन्द्र भी है। मठ की थंगा पेंटिंग एवं प्राचीनता आकर्षित करते हैं। मठ में बौद्ध भिक्षुओं की प्रार्थना सभा बेहद कर्णप्रिय होती है।

दो ट्रूल चोर्टेन: दो ट्रूल चोर्टेन ‘गंगटोक हिल स्टेशन” क्षेत्र के मुख्य आकर्षण में से एक है। इसे सिक्किम का सबसे महत्वपूर्ण स्तूप माना जाता है। इसकी स्थापना तिब्बतीयन बौद्ध धर्म के नियंगमा सम्प्रदाय के प्रमुख त्रुलसी ने की थी। इस मठ का शिखर स्वर्ण से बना है। इस मठ में एक सौ आठ प्रार्थना चक्र हैं।

इनहेंची मठ: इनहेंची मठ को नृत्य चाम भी कहा जाता है। मूलत; इसकी स्थापना दो वर्ष पहले की गयी थी।
आर्किड अभ्यारण: आर्किड अभ्यारण प्राकृतिक सौन्दर्य का अच्छा स्थान है।

ताशीलिंग: ताशीलिंग गंगटोक से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से कंचनजंगा शिखर अति सुन्दर प्रतीत होता है। यहां एक पवित्र बर्तन रखा है। इसे बूमचू कहा जाता है। कहावत है कि इस बर्तन में पवित्र जल रखा है। तीन सौ वर्ष की अवधि के बाद भी बर्तन का जल अभी तक नहीं सूखा।

पेलींग: पेलींग ‘गंगटोक हिल स्टेशन” से पश्चिम में करीब 145 किलोमीटर दूर है। इस स्थान से कंचनजंगा पर्वत शिखर का अद्भुत सौन्दर्य दिखता है। शिखर अति निकट होने का एहसास कराता है। मौसम भी बेहद खुशनुमा रहता है।

सुक ला खंग: सुक ला खंग बौद्ध समुदाय का एक शाही पूजा स्थल है। यह एक सुन्दर एवं बेहद आकर्षक भवन है। यहां भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं एवं लकड़ी की नक्काशी का बेहद लुभावना कार्य है।

फूलों की घाटी: फूलों की घाटी जैसे सुगन्ध का खजाना हो। फूलों की खिलती-महकती श्रंखला प्रफुल्लित कर देती है। फूलों की यहां इन्द्रधनुषी छटा दिखती है।

‘गंगटोक हिल स्टेशन” की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। ‘गंगटोक हिल स्टेशन” का निकटतम एयरपोर्ट दक्षिण में पकींग गांव में स्थित है। यहां से ‘गंगटोक हिल स्टेशन” की दूरी करीब 35 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी एवं न्यू जलपाईगुड़ी है। ‘गंगटोक हिल स्टेशन” की यात्रा सड़क मार्ग से भी की जा सकती है।