4 करोड़ 79 लाख से अधिक दी जा चुकी कोविड वैक्सीन की डोज
ढाई लाख से अधिक टेस्ट में मिले संक्रमण के महज 32 नए मामले
55 जिलों में नहीं मिला संक्रमण का एक भी नया केस, सक्रिय केस महज 712
मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं: सीएम
लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर पर तेजी से काबू पाने वाले यूपी में कोविड की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सभी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रदेश में पीकू व नीकू की स्थापना की कार्रवाई तेज हो गई है। अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू व आइसोलेशन बेड की संख्या 6,572 से अधिक हो गई है।
इसके साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक 4 करोड़ 79 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। नियोजित प्रयासों से प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। देश के दूसरे प्रदेशों के मुकाबले योगी का यूपी मॉडल सफल साबित हुआ है।
रोजाना ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट करने वाले यूपी में अब तक 06 करोड़ 55 लाख 02 हजार 631 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। बीते 24 घंटों में 02 लाख 51 हजार 265 कोविड सैम्पल की जांच की गई जिसमें महज 32 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि 48 लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दी। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसदी व रिकवरी रेट 98.6% है। जो दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा बेहतर है।
55 जिलों में नहीं मिला संक्रमण का एक भी नया केस : जनपद अलीगढ़, अमरोहा, एटा, हाथरस, कासगंज, कौशाम्बी, महोबा, मुरादाबाद और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। बीते दिन किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 20 जनपदों में इकाई अंक में ही मरीजों की पुष्टि हुई। प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 712 है। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है।
मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं: प्रदेश के सभी जनपदों में मरीजों को समय से एंबुलेंस की सेवा मिले इसके लिए सीएम ने एम्बुलेंस की उपलब्धता को सुनिश्चिति करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न न हो इस बात का ध्यान रखा जाए। सीएम ने बैठक में निर्देश देते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण अगर किसी की असमय मृत्यु की दुःखद घटना की सूचना मिली, तो दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।