देश के शहरी सहकारी बैंकों को मिल गया नया रहनुमा.. शहरी सहकारी बैंकों को आगे बढ़ने में पूंजी की कमी बाधक नहीं बनेगी और न ही तरलता की समस्या सताएगी। ये दोनों महत्वपूर्ण कारक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए नवगठित नेशनल अर्बन कोआपरेटिव फाइनेंस ऐंड डेवलपमेंट कारपोरेशन को भारतीय रिज़र्व बैंक से बहुत जल्दी कारोबारी लाइसेंस मिल जाएगा। कार्पोरेशन के प्रथम सीईओ के रूप में अतुल नारायण खरवाडकर ने पदभार संभाल लिया है।
कार्पोरेशन की कुल चुकता शेयर पूंजी (पेड अप कैपिटल) 300 करोड़ रुपए होगी। देश में सक्रिय 1539 शहरी सहकारी बैंकों से प्राप्त अभिदान (सब्सक्रिप्शन) से कार्पोरेशन की चुकता शेयर पूंजी का निर्माण होगा। कार्पोरेशन के चेयरमैन ज्योतींद्र मेहता से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्रथम सीईओ के ज्वाइन करने के तत्काल बाद से कार्पोरेशन को सक्रिय करने का काम तेज गति से बढ़ेगा। पहली प्राथमिकता के तहत लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। लाइसेंस भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राप्त होगा। क्यों कि रिज़र्व बैंक ही इस क्षेत्र का विनियमन करता है।
देश में 1539 शहरी सहकारी बैंकों महाराष्ट्र में 498 और उत्तर प्रदेश में 59 शहरी सहकारी बैंक हैं। विभिन्न कारणों से शहरी सहकारी बैंकों का वित्तीय प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। इनके प्रदर्शन में सुधार करने की चुनौती सामने खड़ी हुई है। कार्पोरेशन की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों की स्थिति मजबूत करना है। कार्पोरेशन के प्रथम सीईओ खरवाडकर को सहकारी बैंकिंग का लम्बा तजुर्बा है, वह पिछले चार दशकों से बैंकिंग उद्योग में सक्रिय हैं और अपनी साफ-स्वच्छ कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते हैं। श्री खरवाडकर अभी तक कल्याण जनता सहकारी बैंक में मैनेजिंग डायरेक्टर सीईओ थे, उन्होंने 16 मई 2023 को इस पद से त्यागपत्र देने के बाद नवगठित कार्पोरेशन का शीर्ष पद संभाला है।
प्रणतेश बाजपेयी