चटपटे स्वाद वाला है करेले का अचार

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सब्जी और औषधि के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले करेले का अचार भी बनाया जाता है। सेहत के लिए फायदेमंद इसका अचार अपने कडुवे व चटपटे स्वाद के लिए खास पसंद किया जाता है। लाइफस्टाइल बीमारियों जैसे मधुमेह और रक्तचाप में करेला बहुत ही फायदेमंद है।

औषधीय गुणों के चलते किसी न किसी रूप में करेला का सेवन करना चाहिए। करेला का वैज्ञानिक नाम मिमोर्डिका करन्शिया है। प्रति 100 ग्राम करेले में लगभग 92 ग्राम नमी होती है। साथ ही इसमें लगभग 4 ग्राम कार्बोहाइडेट, 15 ग्राम प्रोटीन, 20 मिलीग्राम कैल्शियम, 70 मिलीग्राम फास्फोरस, 18 मिलीग्राम, आयरन तथा बहुत थोड़ी मात्रा में वसा भी होती है।

इसमें विटामिन ए तथा सी भी होती है। जिनकी मात्रा प्रति 100 ग्राम में 126 मिलीग्राम तथा 88 मिलीग्राम होती है। करेला में एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन पाए जाते हैं। इसका अचार सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।

मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी : करेला मधुमेह में रामबाण औषधि का काम करता है। रोजाना करेले के सेवन से लाभ मिलता है। करेला मधुमेह के रोगियों के लिए ‘अमृत’ तुल्य है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला भी किया जा सकता है।

पाचन शक्ति को बढ़ाता है : करेला हमारी पाचन शक्ति को बढाता है। जिसके कारण भूख बढती है। करेले ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद है।

हृदय रोग में फायदा : करेला दिल के लिए कई मायनों में काफी फायदेमंद होता है। यह अर्टरी वॉल पर इकठ्ठा होने वाले खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है। जिससे हॉर्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है। साथ ही यह ब्लड सूगर लेवल को भी कम करता है। जिससे दिल तंदुरुस्त बना रहता है।

आर्गेनिक हाट करौंदी में जैविक खाद्य पदार्थ के साथ ही शुद्ध व कुटीर उद्योग के जुड़े उत्पाद मिलते हैं। यहां करेले का स्पेशल अचार, गिर गाय का घी, अर्जुन छाल पाउडर, बेल चुर्ण, आंवला चूर्ण, कालमेघ, त्रिफला चूर्ण, शहद तथा जैविक जौ का आटा, मडुवा आटा, मल्टीग्रेन, तिल व सरसो का जैविक तेल, बाजरा, मूंगफली, च्यवनप्राश, सुगंधित चावल, गुड़ के साथ ही रसोइ में उपयोग के सभी सामान मिलते हैं।

आनंद कुमार मिश्र