ज़ी चैनल के सुभाष चन्द्रा, पुनीत गोयनका को एक और झटका, कार्पोरेट सत्ता से वंचित…. सेबी ने अरबों रुपए की धोखाधड़ी में लिप्त ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड के प्रमोटर सुभाष चन्द्रा गोयल और पुनीत गोयनका को किसी भी वर्तमान या नई बनाई जाने वाली किसी भी कंपनी में निदेशक अथवा किसी भी महत्वपूर्ण पद ग्रहण करने पर रोक लगा दी है। इस रोक से ज़ी -सोनी के विलय के बाद बनाई जाने वाली कंपनी पर ज़ी प्रमोटरों का निदेशक बनने का सपना फिलहाल अप्रैल 2024 तक सपना ही रहेगा।
ज़ी प्रमोटरों के धोखाधड़ी मामले की जांच कर रहे विनियामक सेबी की अध्यक्ष मधाबी बुच ने 14 अगस्त के आदेश में यह रोक लगाई है। सेबी अध्यक्ष ने 91 पेज के आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि धोखाधड़ी मामले की जांच पूरा करने में आठ महीने लगेंगे। कुछ समय पूर्व सेबी ने ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया में विलय करने की योजना पर रोक लगा दी थी। लेकिन ज़ी प्रमोटरों ने नेशनल कंपनी लाॅ ट्रेब्युनल (एनसीएलटी) मे सेबी आदेश के विरुद्ध अपील दायर की थी। एनसीएलटी ने पिछले सप्ताह सोनी- ज़ी विलय को स्वीकृति प्रदान कर दी थी।
इससे विलय का रास्ता तो साफ हो गया लेकिन सेबी के ताजा आदेश से सुभाष चन्द्रा और पुनीत गोयनका विलय से बनाई जाने वाली नई कंपनी में निदेशक अथवा अन्य कोई भी महत्वपूर्ण पद नहीं ग्रहण कर सकेंगे। यानी कार्पोरेट सत्ता से दूर ही रहना पड़ेगा। शेष जानकारी किसी अगले संस्करण में।
प्रणतेश बाजपेयी