लखनऊ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार का जोर ज्यादा से ज्यादा एमएसएमई इकाइयों की स्थापना पर है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी थ्री (जीबीसी) के तहत प्रदेशभर में एमएसएमई के 4459 करोड़ के प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे, जिससे यूपी में 50 हजार से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। जीबीसी थ्री में सेक्टर वाइज सर्वाधिक 805 एमएसएमई के प्रोजेक्ट हैं।
इसके बाद दूसरे नंबर पर कृषि और उससे जुड़े उद्योगों के 275 प्रोजेक्ट, तीसरे नंबर पर फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल सप्लाई के 65 प्रोजेक्ट धरातल पर उतर रहे हैं। प्रदेश में इन एमएसएमई से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों को गति मिलेगी। योगी सरकार यूपी को देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने संकल्प पत्र में योगी सरकार ने यूपी में 10 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने, निर्यात और रोजगार सवरोजगार के अवसरों को दोगुना करने लक्ष्य निर्धारित किया है।
प्रदेश में शिक्षा से जुड़े 1,183 करोड़ के छह प्रोजेक्ट लग रहे हैं। ऐसे ही डेयरी के 489 करोड़ के सात, पशुपालन के 224 करोड़ के छह प्रोजेक्ट लग रहे हैं। अब तक सबसे ज्यादा एमएसएमई यूपी में होगी। एमएसएमई सेक्टर में 78, कृषि में 14, आईटी और इलेक्ट्रानिक्स में 10 फीसदी हो रहा निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर में 8.2, मैन्यूफक्चरिंग में आठ, हैंडलूम और टेक्सटाइल में सात, अक्षय ऊर्जा में छह और एमएसएमई में साढ़े पांच फीसदी निवेश हो रहा है।
प्रदेश में सर्वाधिक 14.2 फीसदी 90 लाख एमएसएमई प्रदेश में है। जीबीसी थ्री में प्रदेश में एमएसएमई के 4459 करोड़ के प्रोजेक्ट लग रहे हैं। इनमें प्रमुख रुप से गौतमबुद्धनगर में 40,मथुरा में 15, लखनऊ में आठ, बाराबंकी में सात, गाजियाबाद में छह, गोरखपुर में छह, हरदोई में चार,कानपुर देहात में चार, कानपुर नगर में चार, आगरा में दो, अलीगढ़ में तीन, अमेठी में दो, अयोध्या में एक, बरेली में दो, चंदौली में एक, इटावा में एक, फतेहपुर में दो, फिरोजाबाद में एक, हाथरस में एक, जौनपुर में एक, लखीमपुर खीरी में एक, मेरठ में एक, मुरादाबाद में एक, प्रयागराज में एक, सहारनपुर में एक, शाहजहांपुर में एक, सीतापुर में एक और वाराणसी में दो सहित अन्य स्थानों पर प्रोजेक्ट लग रहे हैं।