लखनऊ। खिलाड़ी सिर्फ अपनी मेहनत जस्बे और हौसले के दम पर अपनी सफलता की इबारत गढ़ता है। ऐसी ही कहानी है रायबरेली लालगंज की डिम्पी तिवारी की। अपने हुनर से प्रदेश व देश को मान की पगड़ी पहना कर अपने जिले का नाम रोशन किया। मिशन शक्ति के तहत जनपद की अन्य बेटियों को आत्मसुरक्षा के गुरों को सिखा उनको खेल जगत में प्रोत्साहित कर रही हैं। खेल व सामाजिक कार्यों के लिए सरकार की ओर से ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित डिम्पी ने मिशन शक्ति के तहत जनपद की 500 महिला पुलिसकर्मियों को मार्शल आर्ट ट्रेनिंग दी है।
गोल्ड मेडल जीत प्रदेश का नाम किया रोशन : उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय की ओर से 50 हजार की पुरस्कृत राशि से सम्मानित हो चुकी डिम्पी ने कई नेशल इंटरनेशनल अवॉर्ड जीते हैं। कराटे की एशियन चैम्पियन में गोल्ड खिताब से नवाजी जा चुकी डिम्पी ताइक्वांडो खेल में ब्लैट बेल्ट हासिल कर चुकी हैं। ताइक्वांडो में चार नेशनल अवॉर्ड जीत इंटरनेशलन में प्रतिभाग किया। किक बॉक्सिंग में नौ नेशनल खेल आठ गोल्ड, वुशु में इंटरनेशलन खेल एक गोल्ड एक सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं।
पापा के जाने के बाद टूट चुकी हिम्मत को समेटा : महज 13 साल की उम्र में मैंन अपने पिता सूर्यप्रकाश तिवारी को खो दिया जिसके बाद मैं मेरी मां गीता देवी, बहनें उपासना, अराधना और छोटा भाई चन्द्रप्रकाश पूरी तौर पर आर्थिक व मानसिक तौर पर टूट चुके थे। मैं 15 साल की उम्र से ताइक्वांडो, बॉक्सिंग, वुशु, किक बॉक्सिंग खेल रही हूं। मैं स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा के गुरों की ट्रेंनिंग दे रही हूं।
मिशन शक्ति के तहत निशुल्क शिक्षा व ट्रेनिंग दे रही : रायबरेली में बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिम्पी कस्तूरबा गांधी स्कूल में बेटियों को निशुल्क सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की बेटियों को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘मिशन शक्ति’ अभियान के तहत निशुल्क शिक्षा दे रही हैं। दो सालों से लालगंज की रेल कोच फैक्ट्री में रोल कोच में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को निशुल्क खेल की शिक्षा दे रही हैं।