वाराणसी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियों में जुटी हुई है। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित होंगे। इस बात की संभावना से वाराणसी मंडल के चिकित्सकीय सुविधा को दुरुस्त करने के साथ ही पीडियाट्रिक चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। बीएचयू के आईएमएस ,चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, निजी अस्पतालों के बाल रोग विशेषज्ञ आदि के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रशिक्षण वर्चुअल और व्यावहारिक (Hands on) दोनों तरीके से दिया जा रहा है।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर पर काबू पाने के बाद योगी सरकार तीसरी लहर को मात देने की तैयारी में कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती है। सरकार ने स्वास्थ विभाग को अलर्ट करते हुए चिकित्सकीय सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिए है। संवेदनशील योगी सरकार चिकित्सकों की फ़ौज को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित भी कर रही है। वाराणसी मंडल के डॉक्टर्स पैरामेडिकल स्टाफ़ की ट्रेनिंग कई बैचों में कई जगह कराई जा रही है। जिसमे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, बीएचयू, कुछ निजी अस्पताल शामिल है।
बीएचयू के बाल रोग विशेषज्ञ व डीन रिसर्च प्रोफ़ेसर अशोक कुमार ने बताया कि पीडियाट्रिक कोविड केयर मैनेजमेंट का प्रशिक्षण कई बैच बनाकर दिया जा रहा है। जिसमें डॉक्टर, एनेस्थेटिक पैरामेडिकल स्टाफ़ शामिल है। इस ट्रैंनिंग प्रोग्राम में बच्चों को वेंटिलेटर लगाने, कौन सी दवा और उसकी मात्रा की जानकारी, सीवियर मैनेजमेंट, बच्चों में लक्षण की पहचान, बच्चों की देख रेख, मरीज़ व परिजनों की कॉउंसलिंग, जैसे सभी उपायों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। थ्योरी व प्रैक्टिकल (Hands on) दोनों तरह से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सरकार ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, एनेस्थेटिक ,यहॉ तक की एम्बुलेंस के ड्राइवर को भी थर्ड वेव में संक्रमित बच्चों के इलाज़ लिए प्रशिक्षण दे कर तैयार कर रही है। अभी तक 504 लोगों की ट्रेनिंग हो चुकी है। करीब 380 लोगों का प्रशिक्षण चल रहा है। जबकि करीब 764 लोगों का ट्रेनिंग प्रोग्राम जल्दी शुरू होने वाला है। ये प्रशिक्षण का कार्यक्रम लगातार चलता रहेगा।
योगी सरकार थर्ड वेव में बच्चों संक्रमित होने की संभावना पर काफी संवेदनशील व सख़्त दिख रही है। सरकार बच्चों के मामले में कोई जोख़िम नहीं उठाना चाहती है। इस लिए एमबीबीएस इंटर्न, नर्सिंग इंटर्न, लैब असिसटेंट, लैब टेक्नीशियन, एम्बुलेंस ड्राइवर, प्राइवेट पैरामेडिकल इंटर्न, हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ़, पीडियाट्रिक डॉक्टर ,एनेस्थेटिक आदि अस्पताल से जुड़े सभी लोगो को प्रशिक्षित का रही है। सरकार थर्ड वेव में बच्चों के उपचार में कोई जोख़िम नहीं लेना चाहती है। इसलिए लिए PICU (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट), NICU (न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) ऑक्सीजन समेत सभी मूलभूत सुविधाओं की तैयारियां पहले से कर लेना चाहती है।