17.25 करोड़ लोगों तक पहुंची यूपी सरकार

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– यूपी में ‘विशेष स्वच्छता अभियान’ से मौसमी बीमारियों पर लगाम कसने की बड़ी तैयारी

– तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए 63148 निगरानी समितियों के 04 लाख से अधिक सदस्यों को एलर्ट रहने के निर्देश
– नगरीय निकायों में 1378 बड़े, 5219 मझोले और 12410 छोटे नालों की सफाई का काम किया गया पूरा
– 86770 फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण की पहली डोज, 66190 सफाई श्रमिकों को दूसरी डोज दी
– 58189 ग्राम पंचायतों और 97499 राजस्व ग्रामों में चल रहा विशेष स्वच्छता अभियान, 52916 सफाईकर्मी जुटे सफाई कार्य में
– प्रदेश के 15396 राजस्व में गांवों में सेनेटाइजेशन और 4787 में कराई गई फॉगिंग

लखनऊ। बरसात के बाद होने वाली मौसमी बीमारियों पर शिकंजा कसने के लिये निगरानी समितियों ने स्वच्छता को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। कोरोना की दूसरी लहर पर जीत हासिल करने में निगरानी समितियां बड़ा हथियार साबित हुई हैं। उनके माध्यम से राज्य सरकार 17.25 करोड़ लोगों तक पहुंच चुकी है। इस उपलब्धि को देखते हुए एक बार फिर से 63148 निगरानी समितियों के 04 लाख से अधिक सदस्यों को गांव और शहरी निकायों में गली-कूचों तक सफाई का कार्य तेजी से कराने की देखरेख में लगाया गया है।

सरकार की ओर से प्रदेश में शनिवार और रविवार को विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। नाले-नालियों की स्वच्छता पर जोर देने के साथ बरसात में जलभराव की समस्या को दूर किया जा रहा है। मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये लगातार सेनेटाइजेशन और फॉगिंग कराई जा रही है। मोहल्ला निगरानी समितियों को भी इस काम में जुटाया गया है।

स्वच्छ भारत से स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने में जुटी योगी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर पर अन्य प्रदेशों से पहले जीत हासिल की है। अब तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए उसने तैयारियां पूरी कर ली है। इसके लिये गांव-गांव और शहरों में विशेष सफाई अभियान शुरू किये हैं। ग्राम पंचायतों में सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिये प्रदेश के कुल 58189 ग्राम पंचायतों और 97499 राजस्व ग्रामों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। 52916 सफाई कर्मी इस कार्य में जुटे हैं।

यूपी में एक दिन में 31156 राजस्व ग्रामों में सफाई कराई जा रही है। 15396 राजस्व में गांवों में सेनेटाइजेशन और 4787 में फॉगिंग हो रही है। प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचयतों में कुल 12016 मोहल्ला निगरानी समितियों के 64175 सदस्य स्वच्छता अभियानों में जुटे हैं। उनकी देखरेख में नगरीय निकायों में कुल 1378 बड़े नालों, 5219 मझोले नाले और 12410 छोटे नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है।

बीमारी से बचाव के लिये गांव-गांव गठित निगरानी समितियों के सदस्य प्रत्येक व्यक्ति के पास पहुंच कर उनको मौसमी व मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये स्वच्छता और सामाजिक दूरी के महत्व बता रहे हैं। हाथों को साबुन से धोना और मास्क पहनने की आदत लोगों में डालने के लिये जागरूक कर रहे हैं। योगी सरकार ने बीमारी से रोकथाम के लिये ग्रामीण इलाकों में विशेष स्वच्छता अभियान चला रखा है। बड़े स्तर पर ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना है। बरसात से पहले संक्रामक बीमारियों को रोकने में सरकार के प्रयास का बड़ा असर हुआ है।

गौरतलब है कि योगी सरकार की ओर से गांव-गांव तक बिछाए गये निगरानी समितियों के जाल से काफी अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इतनी तेज रफ्तार से बीमारी की रोकथाम करने में लिये योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन को पूरी दुनिया में प्रशंसा मिली है। डब्ल्यूएचओ भी सरकार के प्रयासों की तारीफ कर चुका है। यही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर बीमारी पर तेज गति से नियंत्रण करने के लिये यूपी सरकार की सराहना की है।

86770 फ्रंट लाइन वर्कर्स को दिया गया टीका-कवर : प्रदेश में बीमारियों से बचाव के लिये स्वच्छता अभियान में जुटे 86770 फ्रंट लाइन वर्कर्स व अन्य अधिकारी व कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण की पहली डोज लग चुकी है। जबकि 66190 सफाई श्रमिकों को दूसरी डोज दी गई है। 26399 अन्य निकाय कार्मिकों को प्रथम डोज व 20991 कार्मिकों को दूसरी डोज का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। राज्य सरकार के निर्देश पर सभी स्थानीय निकायों में सफाई कर्मचारियों एवं फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिये ग्लब्स, मास्क और सेनेटाईजर भी दिये जा रहे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर पर जीत हासिल करने में निभाई बड़ी भूमिका : कोरोना के खिलाफ योगी सरकार के ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ रणनीति को मजबूती देने में निगरानी समितियों ने बड़ा योगदान दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बीमारी को रोकने के लिये प्रदेश में निगरानी समितियों का गठन किया गया। समितियों से जुड़े चार लाख से अधिक सदस्यों ने घर-घर दस्तक देकर न सिर्फ लोगों को जागरूक करने का काम किया बल्कि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई। इतनी बड़ी संख्या में निगरानी समितियों की तैनाती करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना। समिति के सदस्यों को प्रत्येक व्यक्ति में बीमारी के लक्षणों की पहचान का काम किया।