लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर पर सफलतापूर्वक काबू पाने वाली योगी सरकार एक ओर तीसरी लहर से निपटने के लिए मजबूत रणनीति तैयार कर जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है तो वहीं दूसरी ओर ब्लैक फंगस को भी मात दे रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार ब्लैक फंगस के मरीजों के समुचित इलाज के लिए सभी प्रबन्ध प्रदेश में किए गए हैं। बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने तेजी से कदम आगे बढ़ाते हुए विशेष डॉक्टरों की टीम जमीनी स्तर पर ब्लैक फंगस को नियंत्रित कर रही है। सीएम के निर्देश से गठित विशेषज्ञ डॉक्टरों की ये टीमें विभिन्न जनपदों में भर्ती मरीजों की कड़ी निगरानी कर रहीं हैं।
सीएम ने प्रदेश में ब्लैक फंगस रोगियों की पहचान, इलाज और बेहतर सुविधाओं के लिए एसजीपीजीआई के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। यूपी सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के रोगियों को दी जाने वाली सुनियोजित रणनीति, दवाओं और सुविधाओं के चलते रोगियों को बेहतर इलाज मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि सधी रणनीति, केस हिस्ट्री के चलते शुरूआती दिनों में ब्लैक फंगस का पता चलने से ब्लैक फंगस के मरीज दवाओं से संक्रमण मुक्त हो रहे हैं। एक तिहाई मरीजों को ही सिर्फ सर्जरी की जरूरत पड़ रही है।
गहन अध्ययन के बाद दो अन्य दवाओं पर लगाई डॉक्टरों ने मुहर : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस पर काबू पाने के लिए सीएम ने एसजीपीजीआई के विशेष डॉक्टरों को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। जिसके बाद इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने गहन अध्ययन कर सरकार के समक्ष ब्लैक फंगस से निपटने के लिए सुझाव दिए। जिसमें एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के अलावा दो अन्य दवाओं का जिक्र किया गया। जिसमें इसावुकोनाजोल और पोसकोनाजोल दवा से ब्लैक फंगस के इलाज की बात कही गई। डॉ आरके धीमान के अनुसार ये दोनों दवा ब्लैक फंगस के इलाज के लिए कारगर हथियार हैं।
दोनों दवाओं की उपलब्धता को करें सुनिश्चित: विशेष डॉक्टरों की टीम द्वारा इन दोनों दवाओं की प्रदेश में उपलब्धता को सुनिश्चित करने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। जिसमें इसावुकोनाजोल और पोसकोनाजोल दवा हैं। इसके साथ ही योगी सरकार ने एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति सुचारू रूप से कराने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं।