जीवन और जीविका दोनों को बचा रहा आंशिक कोरोना कर्फ्यू !

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लखनऊ। कोविड-19 या कहें कोरोना महामारी के खिलाफ देश में लड़ाई जारी है। तमाम राज्यों ने कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया हुआ है, उसके बाद भी दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु सरीखे राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में उल्लेखनीय कमी नहीं हो रही है।

वही देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू का सहारा लिया गया है, और प्रदेश में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में हर दिन कमी हो रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में कोरोना के 6,725 मामले ही सामने आए हैं जबकि अस्पताल से कोरोना की जंग जीत कर घर जाने वाले लोगों की संख्या 13,590 रही है।

कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रही इस कमी को सूबे के चिकित्सा विशेषज्ञ प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए आंशिक कोरोना कर्फ्यू और कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए चलाए जा रहे टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट अभियान का नतीजा बता रहें हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञ अपने इस तर्क के आधार भी बताते हैं। उनके अनुसार, यूपी सरकार की सूबे में आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाने तथा कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए चलाए जा रहे टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट अभियान बेहद व्यवहारिक है। सूबे के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए यह दोनों ही रणनीति बहुत ही सोच समझ कर तैयार ही गई हैं। सरकार के इन दो महत्वपूर्ण फैसलों से यूपी में लोगों के जीवन और जीविका दोनों को ही बचाने का प्रयास हो रहा है।

लोहिया अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ल के अनुसार कोरोना के भय से सबको घरों में बंद रहने की हिदायत देना, बाजार बंद करवाना, ट्रेनें न चलाना, सड़कें खाली करवाना कोरोना से निपटने के सफल उपाय कभी नहीं हो सकते। सूबे में लाखों लोग ऐसे हैं जो दैनिक मजदूरी कर पाने परिवार का पेट भरते हैं। ऐसे लोगों का लंबे समय तक घरों में बंद रहना उनके जीवन को मुश्किल बनाता।

आंशिक कोरोना कर्फ्यू से उनकी जीविका यानि रोजी रोटी भी चलती रही, और जीवन भी। हाँ इसके लिए उन्हें कोरोना प्रोटोकाल का पालन जरुर करना पड़ा। इसी प्रकार सरकार के टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट अभियान में कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उनके इलाज का प्रबन्ध किया गया। और सरकार ने कोरोना से लोगों को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सिनेशन करने की नीति भी अपनायी, जिसके चलते भी एक्टिव केस की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। जबकि लॉकडाउन लगाकर कोरोना के फैलाव को रोकने पर ज्यादा ध्यान दिया। कोरोना से निपटने के यूपी मॉडल को देश के चिकित्सा विशेषज्ञों ने सराहा है।

कोरोना से निपटने के यूपी मॉडल की इन्ही खूबियों की वजह से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), नीति आयोग और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इसकी प्रशंसा की है। नीति आयोग ने तो देश के अन्य राज्यों को भी कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए यूपी मॉडल को अपनाने की सलाह दी। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी यूपी मॉडल को लागू किया है और अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए हैं। यूपी में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए अपनाई जा रही नीति या अपनाये जा रहे माडल के चलते कोरोना संक्रमण के मामलों में 62.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। और रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है, जो एक राहत भरी खबर है।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार एक ओर जहां प्रदेश में हर दिन टेस्ट पॉजिटिविटी रेट कम होता जा रहा है, वहीं, रिकवरी दर की बेहतरी के दौर जारी है। दूसरी ओर महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु में कोरोना के कहर में कोई कमी आती नहीं दिख रही। ताजा स्थिति के मुताबिक महाराष्ट्र में हर 100 में से कम से कम 17 लोग कोविड पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, तो केरल में 12.1 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 11.1 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 10.1 फ़ीसदी और दिल्ली में 7.6 फीसदी से अधिक टेस्ट पॉजिटिविटी दर है।

इन सबके सापेक्ष विशाल जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी दर में हर दिन कमी आती जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा शहर तथा गांवों में लगातार चलाए जा रहे टेस्टिंग और ट्रेसिंग के महाभियान के प्रयासों का ही यह नतीजा है कि सूबे में अब नए कोरोना मरीजों की संख्या दिनों-दिन कम होती जा रही है।

सरकार के आंकड़ों के अनुसार बीते 20 दिनों में ही प्रदेश के कोरोना मरीजों की तादाद में 62.5 फीसदी तक की कमी आई है। और प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 91.8 फीसद हो गई है। विगत 24 घंटो में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 6,725 मामले आए हैं। यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38,055 मामलों के सापेक्ष से 31,330 कम है। प्रदेश में अब तक 15,16,508  कोरोना संक्रमित इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। बीते 24 घंटों में  प्रदेश में 2,91,156 टेस्ट हुए हैं। राज्य में एक्टिव केस में लगातार हो रही गिरावट और बेहतर होते रिकवरी दर को संतोषजनक बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेस्टिंग क्षमता को और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आंशिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि हर एक मृत्यु दुःखद है और राज्य सरकार के लिए सभी का जीवन तथा जीविका प्रमुख है, उसे बचाए तथा बनाए रखने का प्रयास सरकार लगातार करती रहेगी।