मानसिक शांति प्रदान करता है मोती

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मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्रमा कमजोर हो उन्हें मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। चंद्रमा यदि मंगल या राहु के साथ हो तो व्यक्ति को बैचेनी और अनमनापन बना रहता है। ऐसी स्थिति में चांदी की माला या चांदी की अंगूठी में मोती धारण करने से लाभ मिलता है।

ज्योतिष के अनुसार मस्तिष्क संबंधी रोगों, मानसिक विकार, सिरदर्द, माइग्रेन में भी मोती पहनना लाभ देता है। मोती की भस्म का चेहरे पर लेप करने से रंग में निखार आता है। चेहरा चमकदार बनता है और आकर्षण शक्ति बढ़ती है। ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह का एक रत्न है। चंद्रमा का रत्न मोती होता है। गरूड़ पुराण में मोती के कुल नौ भेद बताए गए हैं। अमूमन लोग सिर्फ सीप से निकलने वाले मोती को ही जानते हैं। लेकिन वास्तव में मोती के नौ प्रकार के होते हैं जिन्हें मणि भी कहा जाता है।

मोती एक सुंदर, चमकदार अपारदर्शी रत्न है। मोती एक विशेष जाति की सीप के गर्भ से प्राप्त होता है इसके अलावा हाथी, सूअर, सर्प, मछली, व्हेल, शंख, बांस, बादल से भी मोती मिलते हैं। प्राणियों से मिलने वाले मोती अत्यंत दुर्लभ होते हैं, इसलिए सीप से मिलने वाले मोती ही सर्वसुलभ हैं।

चंद्र मणि या सीप मोती: यह मोती सीप में पाया जाता है और मनुष्यों के लिए सुलभ है। सीप से निकला हुआ मोती एक तो वह होता है जो इसके अंदर के कीड़े के लेसदार स्राव से बनता है और दूसरे प्रकार का मोती सूर्य के स्वाति नक्षत्र में भ्रमण के दौरान ओस या वर्षा की एक बूंद सीप के मुंह में चले जाने से बनता है। यह प्राकृतिक मोती कहलाता है। यह मोती शुद्ध और उत्तम श्रेणी का होता है। सीपियों में बने मोती बहुतायत में पाए जाते हैं।

करौदी नंद नगर मोड पर स्थित ऑर्गेनिक हाट में प्राकृतिक रूप से उगाए गए सीप के मोती तथा सीप में मनचाहे आकार जैसे चांद तारे भगवान श्री राम, शंकर जी, हनुमान जी, मां दुर्गा साईं बाबा की मुखाकृति वाले मोती भी उपलब्ध है।

आनंद कुमार मिश्र