भारत की प्राचीन एवं दुर्लभ पहाड़ियों पर स्थित ‘माथेरान हिल स्टेशन” प्राचीन सौन्दर्य एक सुन्दर क्षेत्र है। महाराष्ट्र की सहयाद्री पर्वत श्रंखला का हिस्सा ‘माथेरान हिल स्टेशन” अपने खास सौन्दर्य से देश दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करता है। समुद्र तल से करीब 2625 फुट शीर्ष पर स्थित ‘माथेरान हिल स्टेशन” दुर्लभ पहाड़ियों का क्षेत्र है।
खास यह कि चौतरफा मखमली घास के मैदान एवं ढ़लान दिलों को लुभाते हैं। प्राकृतिक खूबसूरती से आच्छादित यह हिल स्टेशन भले ही अत्यधिक बड़ा न हो लेकिन अपने खास सौन्दर्य से दिलों को स्पर्श करता है। विशेषज्ञों की मानें तो सौन्दर्य से आलोकित ‘माथेरान हिल स्टेशन” की खोज वर्ष 1850 के आसपास तत्कालीन जिला कलक्टर ह्यूज पॉयंट्स मलेट ने की थी। तत्कालीन गर्वनर लॉर्ड एल्फिंसटन ने ‘माथेरान हिल स्टेशन” की नींव रखी थी।
सहयाद्री पर्वत श्रंखला का यह ‘माथेरान हिल स्टेशन” अपनी आगोश में चौतरफा घाटियों की लम्बी श्रंखला रखता है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” में प्रवेश करते ही शीतल हवा के झोके मन-तन एवं मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर देते हैं। घाटियों में फैला घना कोंहरा, हवा में तैरते-इठलाते बादल, भीगा-भीगा मौसम आनन्द की एक अनोखी सुखानुभूति कराता है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” में प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूरित नजारों की कहीं कोई कमी नहीं है।
इस एरिया में तीन दर्जन से अधिक अति सुन्दर क्षेत्र हैं। वादियों की सुन्दरता मन को छू लेती है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” का शाब्दिक अर्थ देखें तो ‘माता का जंगल” है। आशय माता की गोद का एक सुखद एहसास। खास यह कि ‘माथेरान हिल स्टेशन” में वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” में यात्रा के लिए टट्टू या घोड़ों का उपयोग किया जाता है। शायद ‘माथेरान हिल स्टेशन” एशिया का पहला हिल स्टेशन है, जहां वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
‘माथेरान हिल स्टेशन” क्षेत्र में प्रवेश करते ही एहसास होता है कि जैसे प्रकृति की गोद में आ गये हों। माउंट बेरी एवं शारलॉट लेक सहित असंख्य आकर्षण हैं। घाटियों-वादियों के बीच छुकछुक चलती रेलगाड़ी पर्यटकों-दर्शकों को वाकई अभिभूूत कर देती है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” के प्रमुख आकर्षणों में माउंट बेरी, शारलॉट लेक, लुईस स्पॉट, इको प्वाइंट, हनीमून प्वाइंट, रामबाग, लिटिल चौक प्वाइंट, वन ट्री हिल प्वाइंट, ओलंपिया रेसकोर्स, लार्डस प्वाइंट, सेसिल प्वाइंट, पनोरमा प्वाइंट आदि इत्यादि हैं।
‘माथेरान हिल स्टेशन” से सूर्योदय एवं सूर्यास्त का विहंगम दृश्य अवलोकित होता है। इस सुन्दर दृश्य को देखने के लिए पर्यटकों-दर्शकों का हुजूम उमड़ता है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” का सौन्दर्य शास्त्र देख कर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया है। शुद्ध जलवायु के आधार पर ‘माथेरान हिल स्टेशन” को एक स्वास्थ्य आरोग्यधाम कहा जा सकता है।
माउंट बेरी: माउंट बेरी ‘माथेरान हिल स्टेशन” के शीर्ष स्थानों में से एक है। माथेरान रेलवे स्टेशन से माउंट बेरी करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है। माउंट बेरी से घाटियों एवं गांवों का सुन्दर नजारा दिलों को छू जाता है। माउंट बेरी नेरल शहर, माथेरान की पर्वत श्रंखला-शीर्ष चोटियां, घाटियां एवं चिड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
शारलॉट लेक: शारलॉट लेक इलाके का प्रमुख जल रुाोत है। झील के आसपास सुन्दर वृक्षों की श्रंखला अदि लुभावनी प्रतीत होती है। इसके एक किनारा पर बांध स्थित है। इसके एक अन्य किनारा पर पिसारनाथ मंदिर स्थित है। झील की जलधारा का अठखेलियां करना सौन्दर्य में चार चांद लगा देता है।
पैनोरमा प्वाइंट: पैनोरमा प्वाइंट चट्टानों से आच्छादित क्षेत्र है। पर्वतीय चट्टानों का सौन्दर्य देखते ही बनता है। यह स्थान बेहद रोमांटिक माना जाता है। इस स्थान से पीब का किला, चंदेरी, महेश महल, नवरा दमदार चोटियां आसानी से देखी जा सकती हैं। इसकी पृष्ठभूमि में शानदार किला आसानी से देखा जा सकता है। सूरज की लुकाछिपी भी यहां देखने को मिलती है।
मंकी प्वाइंट: मंकी प्वाइंट ‘माथेरान हिल स्टेशन” खास है। कारण इस स्थान पर हमेशा बंदरों का समूह दिखेगा। यह एक दर्शनीय स्थल है। मकर अंग चट्टान पर स्थित यह स्थान भी अति सुन्दर है। ‘माथेरान हिल स्टेशन” की झरना श्रंखला भी इस स्थान से सुन्दर दिखती है।
‘माथेरान हिल स्टेशन” एरिया यातायात के सभी आवश्यक संसाधनों से जुड़ा है। इस हिल स्टेशन निकटतम हवाई अड्ड़ा मुम्बई स्थित छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन नेरल है। मुम्बई से ‘माथेरान हिल स्टेशन” की दूरी करीब 108 किलोमीटर है। इसके साथ ही सड़क मार्ग से भी यात्रा की जा सकती है।