2021 तक उत्तर प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त करें

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सुलतानपुर। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश को 2021 तक फाइलेरिया से पूर्ण रूप से मुक्त करने के लिए हम सबको मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में फाइलेरिया रोधी दवाएं अवश्य खाना हैं। उन्होंने सोमवार को सुलतानपुर कलेक्ट्रेट सभागार में एमडीए अभियान का शुभारम्भ करते हुए यह बात कही।

इस अभियान का आगाज चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, पाथ एवं सीफार के साथ किया गया। इस अवसर पर विधायक सुलतानपुर, विधायक सदर, विधायक कादीपुर, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद सुलतानपुर के साथ ही केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य 7 जनपदों के अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में अन्य सात जनपदों, जिनमें एमडीए अभियान शुरू किया जा रहा है, वहां के लोगों ने भी वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया।

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में प्रदेश सरकार कोविड-19 से लड़ने के लिए हर संभव कार्य कर रही है, साथ ही हर व्यक्ति तक अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवायें सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए वचनबद्ध भी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया, जिसे हाथीपांव भी कहा जाता है, घातक रोग है जो मच्‍छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया के संक्रमण से सभी को, खासतौर से बच्चों को खतरा है, लेकिन इसकी रोकथाम संभव है और बचने का समाधान भी सरल है, और सामुदायिक भागीदारी से ही हाथीपांव को हराकर कर हम अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन जनपदों में एमडीए कार्यक्रम आज से शुरू किया जा रहा है, उन स्थानों पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोविड-19 के आदर्श मानकों और दो गज की दूरी का अनुपालन करते हुए समुदाय के सभी लाभार्थियों को घर-घर जाकर निःशुल्क दवाइयाँ खिलाईं जाएंगी। यह दवायें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हमें याद रखना है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर, सभी को स्वास्थ्य कर्मी के सामने एमडीए दवाओं का सेवन करना है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करें ताकि लोग इन दवाओं को स्वीकार करें।

स्वास्थ्य मंत्री ने खुद फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर और लाभार्थियों को दवा का सेवन करवाकर अभियान का शुभारंभ किया। बैठक में उपस्थित विधायकों और जिलाधिकारी सहित सभी लोगों ने भी दवा का सेवन किया। अपर निदेशक, वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण कार्यक्रम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार डॉ, नूपुर रॉय ने बताया कि प्रदेश के 8 जिलों (औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, कन्नौज, कौशांबी, रायबरेली एवं सुलतानपुर) में एमडीए कार्यक्रम सोमवार से शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की फाइलेरिया से उन्मूलन की प्रतिबद्धता की सराहना करती हूँ। उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य है जहाँ, 6 वेक्टर बोर्न डिजीज को नोटीफाई किया गया है। पूरा विश्वास है कि स्वास्थ्यकर्मियों के सार्थक प्रयासों से देश और प्रदेश से फाइलेरिया का शीघ्र ही उन्मूलन होगा।

सुलतानपुर के जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम में जन-सहभागिता के बिना अपेक्षित सफलता नहीं मिलती। उन्होंने लोगों से एमडीए कार्यक्रम को जन-आन्दोलन बनाने की अपील की। राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. एन.एस.धर्मशक्तु ने फाइलेरिया रोग के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से विश्व के 11 देशों से फाइलेरिया का पूर्ण उन्मूलन हो चुका है। उसी प्रकार की रणनीति अपनाकर, भारत भी फाइलेरिया का पूर्ण उन्मूलन कर सकता है।

सुलतानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ धमेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में मुख्य विकास अधिकारी, सुलतानपुर अतुल वत्स ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी लोगों से इस कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग देने का अनुरोध किया।