अब सहारा के बीमाधारकों का भविष्य एसबीआई लाइफ़ के हाथ

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अब सहारा के बीमा धारकों का भविष्य एसबीआई लाइफ़ के हाथ…… एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंधन ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के आदेश के तहत घाटे से सराबोर सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बीमा ग्राहकों की समस्त पाॅलिसियां अपने प्रबंधन में लेने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के तकरीबन दो लाख ग्राहकों की सिर्फ बीमा पाॅलिसियां सुचारु संचालन के लिए एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस के सुपुर्द कर दी जाएंगी।

यह जानकारी मुंबई स्टाॅक एक्सचेंज से प्राप्त की गई है। जानकारी के अनुसार बीमा विनियामक ने उक्त आशय का आदेश एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को दिया है। यह स्पष्ट किया गया है कि सहारा इंडिया लाइफ के ग्राहकों की बीमा पाॅलिसियों से संबंधित केवल देनदारियां और देनदारियां ही एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस को ट्रांसफर की जाएंगी। एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने स्पष्ट किया है कि सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का विलय नहीं किया जा रहा है और आयकर आदि से संबंधित सभी तरह की देनदारियों की जिम्मेदारी सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस और इसके प्रमोटरों की है।

2004, अक्टूबर से जीवन बीमा व्यवसाय शुरू करने वाली सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की कुल शेयरपूंजी उस समय 157करोड़ रुपए थी। इस बीमा कंपनी के 50प्रतिशत शेयर सहारा इंडिया फाइनेंशियल काॅर्पोरेशन लिमिटेड के पास, 40 प्रतिशत सहारा केयर लिमिटेड के पास, 4.3 प्रतिशत सहारा इंडिया काॅमर्शियल काॅर्पोरेशन के पास, 3.82प्रतिशत सहारा इंफ्रास्ट्रक्चर ऐंड हाउसिंग के पास और सहारा प्राइम सिटी के पास 1.27प्रतिशत हैं। वर्ष 2011-12के बाद सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस का कारोबार ढीला पड़ने लगा था, इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और चेयरमैन इसकी मीटिंग्स में चार सालों तक यानी 2015तक आना बंद कर दिया था।

नतीजतन इसे 2013-14 में मात्र 140 करोड़ रुपए रिन्यूअल प्रीमियम मिल पाया। ऐसी स्थिति में पालिसी धारकों के हित सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी के तहत विनियामक ने कंपनी का प्रशासन चलाने के लिए जनवरी 2018में विनियामक के महाप्रबंधक आर के शर्मा को सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस का प्रशासक नियुक्त कर दिया था। इस बीच कंपनी की स्थिति लगातार बिगड़ती गई।

कई प्रयासों के बावजूद कंपनी कि कार्यकलापों में सुधार नहीं होने पर विनियामक ने बीते दिन एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी को इसके ग्राहकों की पाॅलिसियां संचालित करने का आदेश दिया है। सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के सिर्फ करीब दो लाख पालिसी धारक बचे हैं, अब इन्हें एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंधन में जल्दी ही ट्रांसफर कर दिया जाएगा। एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी ने सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के बीमा पॉलिसी धारकों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन 18002679090 दी है।

प्रणतेश बाजपेयी