आरबीआई की चेतावनी बैंकिंग गवर्नेंस का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं

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आरबीआई गवर्नर ने बैंकों से कहा -गवर्नेंस का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं.. भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने आज निजी क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से तल्ख लहजे में कहा है कि कई बैंक गवर्नेंस का निर्धारित मानकों के अनुसार पालन नहीं कर रहे हैं और मुझे यह कतई बर्दाश्त नहीं है।। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बैंक नए तिकड़मों को अपनाकर पुराने कर्जों का नया मेकअप करके तथ्यों को छिपाते हैं, यह जोखिम को बढ़ाने का काम करता है, इसलिए ऐसा हरगिज न किया जाए।

श्री दास का यह चेतावनी भरा लहजा समूचे बैंकिंग उद्योग के लिए बहुत ही गंभीर है। पिछले आठ दिनों में श्री दास का बैंकिंग उद्योग के मंच से सार्वजनिक रूप से दोबारा यह कहना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है बैंकों के काम करने के तौर तरीकों पर। ज्यादा समय नहीं हुआ रिजर्व बैंक गवर्नर ने २२ मई को दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए भी इसी लहजे में ये बातें कही थीं।

उन्होंने कहा कि बैंकों के पर्यवेक्षण में ऐसा पाया गया है कि प्रबंधन नए तिकड़मों के जरिए कर्ज-खातों को नया मेकअप देकर तथ्यों को छिपाते हैं, यह बैंकिंग आचार संहिता के विपरीत है। श्री दास आज मुंबई में निजी क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को बड़े ही मुखर मूड में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आने वाले मुद्दों – सूचनाओं तथ्यों के बारे में बैंकों को मीडिया के सम्पर्क में रहकर वस्तुस्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। बैंकों में कार्पोरेट गवर्नेंस के अनुपालन में खामियों से श्री दास की खिन्नता और नाराजगी उनके लहजे से उजागर हो रही थी, शांत मिजाजी दास का ऐसा अंदाज संभवतः पहली बार देखनेसुनने को मिला।

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि कई बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड पर अपना आधिपत्य रखते हैं यह गवर्नेंस के विरुद्ध है। गवर्नेंस के अंतर्गत रहकर ही बैंक के चेयरमैन, कार्यकारी निदेशकों और गैर कार्यकारी निदेशकों के आपसी समन्वय से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का संचालन किया जाना चाहिए, इसमें निर्धारित प्रावधानों-नयमों की अनदेखी मुझे बर्दाश्त नहीं है।

प्रणतेश बाजपेयी