सिलिकॉन वैली बैंक ढहा, भारतीय स्टार्ट्सअप के करोड़ों डॉलर फंसे

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सिलिकॉन वैली बैंक ढहा, भारतीय स्टार्ट्सअप के करोड़ों डॉलर फंसे…. कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में स्थित 39 साल पुराना और जमाराशि के आधार पर अमेरिका का 16 वें नंबर का बैंक 10 मार्च को फेल होने से चार दर्जन से अधिक भारतीय स्टार्ट्सअप में अफरातफरी मची हुई है। सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) में इन नवोन्मेषी भारतीय उद्यमियों का तीन सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम (समाचार लिखे जाने तक) फंस गई है, और इसमें से 85-86 फीसद जमाराशियों का बीमा नहीं है।

उधर अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने स्थितियों से निपटने को अपने बोर्ड ऑफ गवरनर्स की आपात बैठक 13 मार्च को बुलाई है। पता लगा है कि एलन मस्क ने एसवीबी को खरीदने का मन बना लिया है। 10 मार्च को दिन में एसवीबी फेल होने की खबर आग की तरह मीडिया फैलती है और देर रात में ही कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन ऐंड इन्नोवेशन ने एसवीबी को बंद कर दिया। फेल होने से पहले तक एसवीबी की परिसंपत्तियों का मूल्य 20 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा (करीब सोलह लाख करोड़ रुपए) से अधिक था।

बैंक में कुल जमाओं में से बमुश्किल पंद्रह फीसद का बीमा था। कई छोटे बड़े भारतीय स्टार्ट्सअप ने एसवीबी में अपनी धनराशि जमा की हुई थी और बेफिक्र थे। Y कांबिनेटर नामक स्टार्ट्सअप फंड से पोषित तमाम स्टार्ट्सअप ने इस बैंक में करोड़ों रुपए जमा कर रखा था। 2005 में बनी अमेरिकी फर्म Y कांबिनेटर स्टार्ट्सअप फंड है जिसने अब तक तीन हजार उद्यमियों का वित्तपोषण किया है जिसका समग्र बाजार मूल्य तीस हजार करोड़ डॉलर के आसपास है। तकरीबन पचास में से बीस ऐसे स्टार्ट्सअप हैं जिनमें से प्रत्येक का आठ-दस करोड़ रुपया से भी ज्यादा रकमें बैंक में जमा हैं। कम से कम बीस में से प्रत्येक की तीन करोड़ से लेकर सात-आठ करोड़ रुपए की धनराशियां जमा हैं।

इनमें से कुछ के नाम ये हैं ट्यूटर विस्तारा, भारत फाइनेंशियल इन्क्लूसिव, आई योगी, जेनसिस कलर्स, हिटैची पेमेंट सर्विसेज, गेम्स टु विन मीडिया, अनंतरा सोल्यूशन्स, आस्क लैला, सर्वा, जियोडेसिक टेक्निक्स, इनमोबी, डिविटास नेटवर्क्स, नापतोल। अरबपति फिनटेक स्टार्ट्सअप विजय शेखर शर्मा ने भी कई साल पहले अपनी कंपनी One97 कम्युनिकेशन, (पेटीएम की प्रमोटर), पेटीएम और पेटीएम माॅल के लिए एसवीबी से बड़ी रकमें ली थीं लेकिन इसके आईपीओ आने के लगभग बैंक ऊंचे भाव पर अपने हिस्से के शेयर बेंचकर निकल गया था।

अमेरिका में 2007-08में लेहमन के फैल होने के बाद यह सबसे बड़ा वित्तीय हादसा हुआ है। जानकार फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में लगातार की जाने वाली वृद्धि को एसवीबी के फेल होने का प्रमुख कारण मानते हैं। फेडरल डिपाॅजिट इंश्योरेंस कार्पोरेशन (एफडीआई सी) ने बैंक पर रिसीवर बैठा दिया है। और फेडरल रिजर्व की 13 मार्च को तय होने वाली रणनीति के तहत एसवीबी की परिसंपत्तियों की बिक्री करके धनराशि जुटाएगा। इधर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री किसी दिन भारतीय स्टार्ट्सअप से मुलाकात करके ब्यौरा लेंगे।

प्रणतेश बाजपेयी