गरीब और पिछड़े बनेंगे योगी सरकार की सबसे बड़ी पूंजी

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लखनऊ। विधानसभा चुनाव में गरीब और पिछड़े योगी सरकार के लिए सबसे बड़ी पूंजी बनेंगे। योगी सरकार ने बिना किसी भेदभाव और भ्रष्टाचार के योजनाओं का लाभ पिछड़ों और गरीबों तक पहुंचाया है, जिसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में मिलना तय है।

योगी सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में गरीबों और वंचितों का ध्यान रखा। इस दौरान इनके जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाई गईं और इसका लाभ भी योग्य पात्रों को मिले, इसे भी सुनिश्चित किया गया। प्रदेश सरकार ने केंद्र की योजनाओं को भी लोगों तक पहुंचाया। चाहे खाद्यान्न वितरण हो या लोगों को आवास मुहैया करना योगी सरकार हमेशा लोगों के साथ खड़ी रही।

योगी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 15 करोड़ लोगों को मार्च से नवंबर तक मुफ्त अनाज का दिया गया। साथ ही प्रदेश सरकार ने भी 15 करोड़ लोगों 35 किलो राशन मुफ्त दिया। कोरोना काल में योगी सरकार गरीब और मजदूरों के साथ खड़ी रही। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत करोना काल में दिहाड़ी मजदूरों को 8 लाख मिट्रीक टन खाद्यान्न मुफ्त बांटा गया। कोरोना काल में योगी सरकार ने सबसे अधिक खाद्यान्न वितरण किया। प्रदेश सरकार ने अभी हाल में ही खाद्यान्न वितरण के कार्यक्रम को दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है।

योगी सरकार ने लोगों की अपनी छत का भी सपना पूरा किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी-ग्रामीण) के तहत 42 लाख से अधिक घरों का निर्माण कराया गया है। इससे लोगों की आवास संबंधी परेशानी दूर हुई है। इस योजना में लोगों को लाभ उपलब्ध कराने में प्रदेश सरकार सबसे आगे है। वहीं उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ 67 लाख पात्र परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है ताकि महिलाओं का जीवन सरल हो सके। प्रदेश में दो करोड़ 61 लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया है। लोगों के स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिए प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान) योजना के तहत 6 करोड़ 47 लाख लोगों का बीमा कराया जा चुका है।

वहीं सौभाग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 41 लाख घरों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए। वहीं मनरेगा के तहत 116.57 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित कर 1.50 करोड़ श्रमिकों को रोजगार दिया। इन योजनाओं का लाभ पाने वाले लोग आगामी विधानसभा चुनाव में योगी सरकार के लिए गेम चेंजर साबित होंगे।