जामुन का स्वाद कहीं आपकी सेहत न बिगाड़ दे रखें इन बातों का ख्याल

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जामुन का मौसम आ गया है। जामुन का स्वाद बच्चे बूढ़े जवानों सभी को ललचाता है। जामुन अपने बेमिसाल स्वाद के साथ-साथ औषधिय गुणों का भी खजाना है। इस संदर्भ में श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्सका डॉ रजनी पोरवाल ने विभिन्न रोगों के निदान में जामुन के प्रयोग के बारे में सामयिक जानकारी प्रस्तुत की है।

मधुमेह रोगियों के लिए अमृत : जामुन का सेवन केबल रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित ही नहीं करता बल्कि यह पाचन ग्रंथियों लिवर पेनक्रियाज और तिल्ली को ताकत देता है। यह मधुमेह के पुराने और वृद्ध रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें लो ग्लायसेमिक इंडेक्स है, जो कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। इस तरह ब्लड ग्लूकोज का स्तर भी कम होता है।

एनीमिया कमजोरी में लाभप्रद : जामुन मैं काबोहाइट्ररेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है, यह लोह तत्व का बड़ा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम में दो मिग्रा तक आयरन होता है। इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं। इसमें जो आयरन होता वह मधुमेह के पुराने से पुराने मरीज जो खून की कमी यानी रक्ताल्पता से पीड़ित हैं उन्हें जामुन का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है। हिमोग्लोबिन 6 सप्ताह में ही सामान्य हो जाता है।

सौंदर्यवर्धक व रक्तशोधक : यह रक्त में मौजूद अशुद्धियों, विजातीय तत्वों और घातक विष तत्वो से मुक्त कराने में सहायक है। पसीने की बदबू, त्वचा के रुखेपन के साथविभिन्न प्रकार के पुराने से पुराने त्वचा रोग और एलर्जी जैसी समस्याएं जामुन के सेवन करने से ठीक हो जाती है।

त्वचा को बनाए आकर्षक : जामुन में विटामिन ए और सी की मात्रा भी अच्छी खासी होती है, जो त्वचा को आकर्षण स्वस्थ और कोमल बनाती है। साथ ही साथ त्वचा के विभिन्न विकारों खाज खुजली त्वचा का रूखापन झाइयां और कील मुंहासों से मुक्त रखने में मदद करती हैं। आंखों के नीचे आई हुई सूजन और कालापन जामुन की निरंतर 3 सप्ताह तक खाने से ठीक हो जाता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में असरदार : जामुन का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और शरीर की सेल्स के बूढ़े होने की दर कम हो जाती है। फल स्वरूप चिरयौवन जामुन के सेवन से प्राप्त होता है। कैसर के रोगियों में कीमो या रेडियो थेरेपी के साइड इफेक्ट्स को कम करके आरोग्यता का मार्ग प्रशस्त करता है।

सावधानी जरूर पालन करें : जामुन को कभी भी खाली पेट न खाएं। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम होने की संभावना हो जाती है और कमजोरी चक्कर तथा घबराहट का एहसास होता। दूध के साथ जामुन का सेवन घातक माना जाता है।जामुन खाने के एक घंटे पहले और 1 घंटे बाद तक दूध, दूध से बना कोई भी पदार्थ का सेवन न करें।