वैश्विक स्तर पर नए प्रतिमान स्थापित कर रहा भारत

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में अपना देश सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ते हुए वैश्विक स्तर पर नए-नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। 135 करोड़ की विशाल आबादी का अपना भारत देश पर दो सौ साल तक शासन करने वाले ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रमाण है।

सीएम योगी रविवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 90वें संस्थापक सप्ताह समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि गत एक दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के 80 फीसद संसाधनों का नेतृत्व करने वाले 20 देशों के समूह जी-20 का नेतृत्व प्राप्त किया। नेतृत्वकर्ता के रूप में अपना देश पूरे विश्व का मार्गदर्शन करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत के बढ़ते नेतृत्व के साथ उसके कोरोना प्रबंधन मॉडल की भी सदैव चर्चा होती रहेगी। पूरी दुनिया जब कोरोना से त्रस्त थी तब नागरिक हितों के प्रति अपनी ईमानदार प्रतिबद्धता का निर्वहन करते हुए भारत देश हित में नई नई योजनाएं बना रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा इसी अवधि में राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित कर प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक बडा लक्ष्य रखा। यह शिक्षा नीति सर्वांगीण विकास का पथ प्रशस्त करती है। सभी शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़कर खुद को समाज व राष्ट्र के प्रति दायित्वों के निर्वहन के लिए तैयार करें।

नंबर एक की अर्थव्यवस्था बनाने का दायित्व नागरिकों का भी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को विश्व की नम्बर एक तथा प्रदेश को देश में नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है, नागरिकों को भी इसमें अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए योगदान देना होगा। इसके लिए कृषि, शिक्षा, प्रौद्योगिकी आदि सभी क्षेत्रों में रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा स्टार्टअप्स पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। यह कृषि प्रधान राज्य है। यहां की भूमि सबसे उर्वर है, प्रचुर जल संसाधन हैं। यहां की प्रगति को डबल डिजिट में लाकर अर्थव्यवस्था को और अच्छा बनाया जा सकता है।

सीएम योगी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तथा पूर्व एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया का उदाहरण देकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हार के बाद भी जो हार नहीं मानता, वह नई प्रेरणा बन जाता है। इसलिए अच्छा स्थान न पाने वालों को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने संस्थानों को सिर्फ शिक्षण तक ही सीमित न रहने तथा विद्यार्थियों से प्रतियोगी गतिविधियों में भी शामिल होने की अपील की।

पेंडुलम की भांति होता है अनुशासनहीन व्यक्ति का जीवन : सीएम योगी ने विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन का महत्व समझाते हुए कहा कि जिसके जीवन में अनुशासन नहीं होगा वह कभी लक्ष्य नहीं प्राप्त कर सकता। अनुशासनहीन व्यक्ति का जीवन पेंडुलम की भांति होता है। अनुशासन की महत्ता को समझते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह का शुभारंभ अनुशासन पर्व से होता है।

सन्यासी, योगी कभी नकारात्मक भाव के साथ नहीं रहता : मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने उस कालखंड में की जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। कई लोगों के मन में यह सवाल था कि आजादी मिलेगी भी या नहीं। पर, एक सन्यासी-एक योगी कभी नकारात्मक भाव के साथ नहीं रहता। पुरुषार्थ व कर्म पथ पर आगे बढ़ते हुए परिणाम की चिंता नहीं करता। 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की रूपरेखा आजादी की लड़ाई और आजाद भारत 8 जरूरतों के अनुरूप बनाई गई। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने परिषद की स्थापना विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ शौर्य एवं पराक्रम के प्रतिमान महाराणा प्रताप के नाम पर की थी। लक्ष्य था आजाद भारत और माध्यम था महाराणा प्रताप का शौर्य व पराक्रम। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण की दृष्टि से सुयोग्य नागरिकों की अच्छी टीम खड़ी करने के लिए ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की और उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने इसे पुष्पित पल्लवित किया। अगले 10 साल बाद यह परिषद स्थापना का शताब्दी समारोह मना रहा होगा। संस्थापकों की रूपरेखा अभी से तैयार होनी चाहिए।