गुणों की खान कठिया गेहूं का दलिया

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नास्ते व खाने में कठिया गेहूं का दलिया व खिचड़ी का प्रयोग करें। जी हाँ, यह रसायन मुक्त अनाज आप को सेहत से भर देगा। भारत में करीब तीन सौ लाख हेक्टेयर गेंहू की खेती में केवल चार प्रतिशत क्षेत्र में ही कठिया की खेती की जाती है।

पौष्टिकता में सामान्य गेंहू से बेहतर कठिया गेहूं की ज्यादतर खेती पारम्परिक तरीके से असिंचित अवस्था में ही होती है। यह गेंहूं की कम उपज क्षमता वाली देशी किस्म है। इसलिए इसकी पैदावार भी अनिश्चित रहती है, लेकिन साधारण गेहूं की अपेक्षा कठिया गेहूं की बाजार में 20-30 प्रतिशत अधिक कीमत मिलती है।

मध्य भारत की मिट्टी तथा जलवायुविक परिस्थितियों में कठिया गेहूं उत्पादन की क्षमता मौजूद है। इसकी खेती मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र तथा बुंदेलखंड में प्रचलित है। कठिया गेहूं की किस्में में सूखा प्रतिरोधी क्षमता अधिक होती है। इस लिए इसे मजबूत अनाज कहा जाता है।

शरबती गेहूं की अपेक्षा कठिया गेहूं में प्रोटीन 1.5-2.0 प्रतिशत अधिक होने के साथ-साथ विटामिन ‘ए’, बीटा कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में पायी जाती है। इसकी दलिया एवं रोटी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। शुगर रोगियों के लिए कठिया गेहूं का आहार बेहद लाभकारी है। कठिया गेहूं में जौ तथा चना मिलाकर खाना और भी लाभकारी है।